यूपी में जल्द खत्म होंगे सदियों पुराने 48 कानून, तैयारी तेज
राज्य सरकार सदियों पुराने 13 विभागों के 48 कानूनों को 31 जुलाई को खत्म करने जा रही है.
उत्तर प्रदेश में विभागों के गठन के साथ ही जरूरत के आधार पर नियम और अधिनियम बनाए जाने थे, जिसके बाद मौजूदा परिस्थितियों और जरूरतों के आधार पर नियम और अधिनियम बनाये जा चुके हैं. इसके चलते इनकी उपयोगिता खत्म हो गई है.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) सदियों पुराने 13 विभागों के 48 कानूनों को 31 जुलाई को खत्म करने जा रही है. विभागीय स्तर पर तैयार किए गए प्रस्ताव पर उच्च अधिकारियों की बैठक में सहमति भी बन गई है, जिसके बाद इसे खत्म करने के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूर करवाने की तैयारियां तेज हो गई है. सरकार की तरफ से दी जा रही जानकारी के मुताबिक प्रदेश में विभागों के गठन के साथ ही जरूरत के आधार पर नियम और अधिनियम बनाये जाने थे, जिसके बाद मौजूदा परिस्थितियों और जरूरतों के आधार पर नियम और अधिनियम बनाए जा चुके है. इसके चलते इनकी उपयोगिता खत्म हो गई है.
केंद्र सरकार ने भी ऐसे नियमों और अधिनियमों को समाप्त करने की पहल करते हुए राज्यों को निर्देश दिए थे. औद्योगिक विकास विभाग के नेतृत्व में इन नियमों को समाप्त करने और इनकी प्रांसगिकता का परीक्षण करवाया गया, जिसके तहत सभी विभागों से इस बारे में सूचना मांगी गई. फिलहाल सभी विभागों ने अपनी-अपनी सूचना साझा की है, जिसके मुताबिक 48 पुराने नियमों और अधिनियमों को समाप्त कर दिया जाएगा.
किस विभाग के कितने कानून हो चुके निष्क्रिय
बिजली विभाग: 18, वन विभाग: 7, खाद्य एवं नागरिक आपुर्ति: 7, आबकारी विभाग: 3, पंचायती राज विभाग: 3, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग: 2, उच्च शिक्षा विभाग: 2, गृह विभाग: 2, आवास विभाग: 2, राजस्व विभाग: 2, मत्स्य विभाग: 1, सिंचाई एवं जल संसाधन: 1, परिवहन विभाग: 1
इन नियमों को किया जाएगा खत्म
उत्तर प्रदेश बिजली नियंत्रण की अस्थायी शक्तियां
उत्तर प्रदेश बिजली (वितरण का विनियमन और खपत) अध्यादेश 1972
उत्तर प्रदेश अफीम धूम्रपान अधिनियम 1934