पिछले दिनों जब से प्रियंका गांधी कांग्रेस की महासचिव बनी है तबसे बीजेपी के होश खराब है , ऐसा प्रतीत हो रहा है. जबकि बीजेपी कह रही है कि उस पर प्रियंका के कांग्रेस में शामिल होने का कोई फर्क नहीं है. जब बीजेपी पर फर्क नहीं है तो बीजेपी उसकी चर्चा क्यों कर रही है. ये सबसे बड़ा सवाल है.
काफी दिनों से खासकर उत्तर प्रदेश में प्रियंका लाओ के नारे चलते रहे है. लेकिन किन्हीं कारणों से प्रियंका का कांग्रेस में सक्रिय अबतार नहीं हो पाया. चूँकि कांग्रेस के लिए यह चुनाव करो और मरो की स्तिथि में था तो उनोहने प्रियंका को बिना बताये जल्दी से लाँच भी कर दिया. इसके बाद से बीजेपी नेता बार बार सफाई दे रहे है कि यह उनकी पार्टी के अंदर का मामला है मेरा कोई लेना देना नहीं है. कांग्रेस उनकी पार्टी है कौन शामिल होगा कौन नहीं यह उनका अपना मामला है.
लेकिन प्रियंका के आने क्व बाद कांग्रेस के अंदर एक अजीब गहमागहमी जरुर दिख रही है जो कांग्रेस अभी तक कार्यकर्ताओं की कमी से जूझ रही थी वो कांग्रेस अब अपने मृत पड़े कई अन्य विभाग भी सक्रिय करती नजर आ रही है. आज ही राहुल गाँधी ने कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के एक बड़ी मीटिंग का आयोजन किया जिसमें कई नेताओं ने बढ़ चढ़ कर हिससा भी लिया. काफी भीड़ भी रही राहुल ने सीधा प्रधानमंत्री पर हमला भी बोला. लेकिन क्या राहुल गाँधी और प्रियंका गांधी मोदी के जादू का असर कम कर पायेंगे या नहीं यह तो अभी भी सवाल बना हुआ है.