Heat Wave: इन तीन शहरों में टूटे गर्मी के सभी रिकॉर्ड, 12 साल में हीट वेव से दर्जनों लोगों की हुई मौत

Heat Wave: ज्यादातर लोग अपनी जिंदगी को सुख-सुविधाओं के साथ जीने के लिए देश के बड़े शहरों की तरफ भागते हैं। ऐसे में क्या हो अगर ये ही शहर जानलेवा बन जाए? भारत के कई बड़े शहर गर्मी के निशाने पर हैं और यही वजह है कि पिछले 12 सालों में इन शहरों में हजारों लोगों की जान हीट वेव के कारण चली गई है।

Update: 2024-06-26 10:52 GMT

Heat Wave: ज्यादातर लोग अपनी जिंदगी को सुख-सुविधाओं के साथ जीने के लिए देश के बड़े शहरों की तरफ भागते हैं। ऐसे में क्या हो अगर ये ही शहर जानलेवा बन जाए? भारत के कई बड़े शहर गर्मी के निशाने पर हैं और यही वजह है कि पिछले 12 सालों में इन शहरों में हजारों लोगों की जान हीट वेव के कारण चली गई है। ऐसे में दुनिया के 10 सबसे बड़े शहरों पर की गई स्टडी बताती है कि साल 2008 से लेकर 2009 तक कई शहरों में हर साल करीब 1116 लोगों की मौत भीषण हीट वेव की चपेट में आने से हुई है।

बता दें कि देश के सबसे 10 बड़े शहरों में चिलचिलाती गर्मी की वजह से मौतों का आंकड़ा 12.2 फीसदी हो गया है। जबकि अगर दो दिन तक लगातार हीट वेव बनी रही तो यह प्रतिशत 14.7 फीसदी हो जाएगा। साथ ही तीन दिन लागातार हाई टेंपरेचर रहने पर मृत्यु दर 17.8 फीसदी हो गई। जबकि अगर ये ही गर्मी 5 दिन तक और रही तो मृत्यु दर में 19.4 फीसदी का इजाफा हो सकता है। इन शहरों में दिल्ली, अहमदाबाद,कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई और वाराणसी शामिल हैं। जबकि टॉप थ्री शहरों में दिल्ली, अहमदाबाद और चेन्नई हैं, जहां आसमान से बरसती आग ने हजारों जानें ले ली है।

हीट वेव से कई मौते

गौरतलब है कि दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन विभाग में सीनियर कंसल्टेंट डॉ. एम वली कहते हैं कि 39 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा बॉडी टेंपरेचर शरीर पर खराब असर डालता है, जबकि 40 डिग्री सेल्सियस या 104 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर पहुंचने पर यह शरीर के न्यूरोनल फंक्शन को लकवा ग्रस्त भी बना सकता है। अगर शरीर में पसीने का मैकेनिज्म काम नहीं करता है तो यह हीट स्ट्रोक की वजह से इंसान कोमा तक में जा सकता है। इस साल भी उत्तर भारत के अस्पतालों में 20 से ज्यादा मौतें हीट वेव की वजह से देखी गई है। 

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