कुमार विश्वास का बदलती राजनीति पर सीधा हमला, बोले अरे ओ "कायर-मनोरोगी" पागल-विक्षिप्त कुछ तो सोचो!

युगपुरुष हरिश्चन्द्र जी शरद पवार को बेईमान कह रहे थे , और आज उन्ही के सोफे पर पसरे हुए है । ये देख समझ आता है कि डॉ कुमार विश्वास की आखिर लड़ाई क्या थी।

Update: 2019-02-14 07:17 GMT

देश में बुधवार को हुए जंतर मंतर पर सभी विपक्षी दलों के कार्यक्रम की अगुवाई आम आदमी पार्टी के सयोंजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कर रहे थे. ये वो अरविंद केजरीवाल थे जो शरद पवार के भ्रष्टाचार को लेकर दस दिन तक भूंख हड़ताल पर बैठे थे. कांग्रेस के विरोध करके कभी सत्ता में आये थे. लेकिन कल जो नजारा मंच पर देखने को मिला वो नायाब था. आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य डॉ कुमार विश्वास ने इस बात पर केजरीवाल की जमकर खिंचाई की है. 


डॉ कुमार विश्वास ने लिखा है कि असुरक्षित आत्ममुग्ध बौना गिड़गिड़ा रहा है कि किसी भी शर्त पर कांग्रेस अपनी शरण में ले ले. करोड़ों लोगों की निष्कलुष भावनाओं की हाय का प्रतिफल एक दिन इस "कायर-मनोरोगी" को पागल-विक्षिप्त कर देगा, ये तो पता था पर इतनी बेबस और गलीच हद्द तक पहुँचायेगा ये नहीं सोचा था. ईश्वर है और सब देख रहा है. 


कुमार ने कहा है कि जिन शरद यादव ने भरी संसद में लोकपाल आंदोलन का मज़ाक़ उड़ाकर थूका था,उनसे गले मिलकर लोकतंत्र बचाने निकले,पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी बना लेने वाले आत्ममुग्ध बौने को दाद देनी चाहिए. क्योंकि नीचता भरा अखंड-पाखंड व इतनी नारकीय बेशर्मी शायद इस दौर के किसी राजनैतिक लंपट में इतनी नहीं होगा. 



डॉ कुमार ने लिखा है कि बौना दुस्शासन तो नैतिकता की जंघा तुड़वाए लानतों की खोह में छिपा बैठा है पर "निर्वीर्य, मित्रहंता मिडियोकर जरासंध" की जली😜 दर-दर से दुत्कारे सत्ता-पिस्सुओ,हमसे तो उस दिन माँ सरस्वती ने बुलवाया था

"आंदोलन के चीर हरण पर जो चुप पाए जाएँगे,

इतिहासों के कालखंड में सब कायर कहलाएँगे.!"


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