कुमार विश्वास ने कोरोना महामारी के कष्ट के दिन याद करके हुए भावुक, बोली बड़ी बात!
देश में जब कोरोना महामारी का दौर था जब सरकार से लेकर सांसद , विधायक ,मंत्री ,संतरी अधिकारी सब नदारद थे तब कुमार विश्वास लोंगों के लिए दिन रात ऑक्सीजन से लेकर रेमिडीसीवर को मुहैया करा रहे थे बेड दिला रहे थे. उनकी पूरी टीम दिन रात चौबीस घंटे लोंगों के फोन उठाकर उनकी मदद और दवा मुहैया करा रही थी. और जब सरकार के स्वास्थ्य मंत्री में सरेआम अपने दिए बयान में कहा कि देश में कोई भी मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है. इससे कुमार विश्वास भावुक हो गये. लोग उन दिनों को भूल कैसे गये जब उनके ही परिजन ऑक्सीजन के अभाव में एक एक नहीं दस बीस और चालीस पचास की संख्या में दम तोड़ रहे थे. आज वही सरकार सीना चौड़ा करके बोल रही है कि ऑक्सीजन की कमी नहीं थी क्या हुआ है इस देश को कौन होगा अब इसका जिम्मेदार?
डॉ कुमार विश्वास मुझे सरकारों-नेताओं की बेशर्मी का दुख नहीं है।उस संवेदनहीनता का तो दीर्घकालिक निजी अनुभव है।मुझे कष्ट उन हज़ारों फ़ोन करने वालों की ख़ामोशी का है जो उन कठिन दिनों में सिलेंडर/कन्सन्ट्रेटर की एक मिनट की देरी पर दस कॉल करते थे।नागरिकों की बेचैनी का मर जाना लोकतंत्र का शोकपर्व है.