निर्भया केस: 3 मार्च को क्या होगी फांसी? दोषी पवन के पास अब भी बचे दो जीवन दान, लेकिन दोषी के वकील रवि काजी...

सजा सुनाए जाने के बाद पवन ने जेल से ही अपनी पढ़ाई जारी रखी है. उसने जेल में रहते हुए ग्रेजुएशन की परीक्षा भी दी है।

Update: 2020-02-22 06:25 GMT

नई दिल्ली। निर्भया केस में दोषियों को डेथ वारंट जारी होने के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन उन्हें फांसी देने से पहले होने वाली सारी प्रक्रिया को पूरा करने में जुट गया है. जेल प्रशासन ने दोषियों के परिजनों को पत्र लिखकर उन्हें उनसे अंतिम मुलाकात की तारीख बताने को कहा है। तो वही निर्भया के एक दोषी पवन गुप्ता ने अपने नए कानूनी सलाहकार रवि काजी से मिलने से इनकार कर दिया है। एपी सिंह के केस छोड़ने के बाद अदालत ने रवि काजी को पवन का वकील नियुक्त किया था। चारों दोषियों में पवन गुप्ता ही ऐसा है जिसके पास अब भी क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका के दो कानूनी विकल्प बचे हैं।

अब पवन के इनकार के बाद यह मामला थोड़ा फंस गया है। पवन ने डेथ वारंट जारी होने के बाद से अपने वकील रवि काजी से कोई संपर्क नहीं किया है। इन दोनों के बीच बचे हुए कानूनी विकल्पों के इस्तेमाल को लेकर कोई बात नहीं हुई है। हालांकि अभी ये पता नहीं चल सका है कि पवन ने रवि काजी से मिलने से इनकार क्यों किया। अगर आगे भी पवन अपने बचे विकल्पों को इस्तेमाल नहीं करता है तो उसे तीन मार्च को सुबह 6 बजे फांसी लगना तय है।

जेल में रहते हुए पवन गुप्ता ने दी है ग्रेजुएशन की परीक्षा

पवन गुप्ता को भी कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. पवन दिल्ली में फल बेचता था. घटना की रात पवन भी बस में मौजूद था और दरिंदगी के साथ निर्भया के साथ रेप करने में शामिल था. सजा सुनाए जाने के बाद पवन ने जेल से ही अपनी पढ़ाई जारी रखी है. उसने जेल में रहते हुए ग्रेजुएशन की परीक्षा भी दी है।

निर्भया के चारों दोषियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी कर दिया है. नए डेथ वारंट के मुताबिक, अब चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश सिंह, अक्षय कुमार सिंह को एक साथ 3 मार्च की सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी

यह तीसरी बार है जब निर्भया के दोषियों का डेथ वारंट जारी किया गया है. इसके पहले दोषियों की फांसी के लिए 22 जनवरी और 1 फरवरी को डेथ वारंट जारी किया गया था. हालांकि, 3 मार्च को भी दोषियों को फांसी हो ही जाएगी? ऐसा यकीन से नहीं कहा जा सकता, क्योंकि दोषियों के वकील का दावा है कि अभी उनके पास कई कानूनी विकल्प बचे हैं.

दोषियों के पास अब क्या हैं ऑप्शन?

>>दोषी मुकेश, विनय और अक्षय के पास फांसी से बचने के लिए अब कोई कानूनी विकल्प नहीं बचा है. तीनों रिव्यू पिटीशन, क्यूरेटिव पिटीशन, राष्ट्रपति के पास दया याचिका, दया याचिका खारिज होने के खिलाफ याचिका दायर करने के कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर चुके हैं.

>>मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोषी अक्षय के वकील अब नए सिरे से दया याचिका दायर करना चाहते हैं. इसके लिए यह आधार बनाया जा रहा है कि उसके मां-बाप ने आधी-अधूरी दया याचिका लगाई थी, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दी. अब अगर कोर्ट इजाजत देता है, तो मुकेश के वकील कुछ अन्य दस्तावेज लगाकर फिर से दया याचिका लगाएंगे।

चारों दोषियों में एकमात्र पवन गुप्ता के पास अभी तीन कानूनी विकल्प बचे हुए हैं. उसकी रिव्यू पिटीशन खारिज हो चुकी है. क्यूरेटिव पिटीशन का ऑप्शन बचा हुआ है. पवन गुप्ता के पास दया याचिका भेजने का कानूनी विक्लप भी बाकी है. अगर ये दया याचिका खारिज हो जाती है, तो वह सुप्रीम कोर्ट में दया याचिका के खिलाफ याचिका भी दायर कर सकता है.

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