चुनावी रुझानों के साथ शाहीन बाग में छाई खामोशी अब तख्तियों पर लिखा नया नारा हम....
जब उनसे पूछने की कोशिश की तो बोलने से मना कर दिया और एक पोस्टर दिखा कर इशारा किया कि आज....
दिल्ली विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती का असर दिल्ली के शाहीन बाग में भी देखा जा रहा है। मंगलवार की सुबह से ही शाहीन बाग का धरनास्थल खाली पड़ा है। यहां इक्का-दुक्का लोग ही धरना स्थल पर मौजूद थे। पिछले करीब दो महीने से नागरिकता संशोधन कानून को लेकर शाहीन बाग में जिस तरह का माहौल देखने को मिल रहा था, वैसा कुछ मतगणना के दिन देखने को नहीं मिला है।
इससे पहले शनिवार को वोटिंग के दिन भी शाहीन बाग का धरनास्थल खाली दिखाई दिया था। राजधानी दिल्ली में 8 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव की मंगलवार को मतगणना हो रही है. तो वहीं शाहीन बाग में नागरिकता संशोधित कानून और एनआरसी के विरोध में बैठे धरना प्रदर्शनकारी मौन विरोध पर हैं. सभी ने अपने-अपने हाथों में तख्तियां पकड़ी हैं जिनमें लिखा है कि हम किसी पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं।
Meanwhile, in #ShaheenBagh protesters say they're on a silent protest today. "Don't support any party," placard reads.#DelhiElectionResults #CountingDay pic.twitter.com/4RxqmGADZ5
— Zeba Warsi (@Zebaism) February 11, 2020
जब उनसे पूछने की कोशिश की तो बोलने से मना कर दिया और एक पोस्टर दिखा कर इशारा किया कि आज मौन रखा हुआ है। यह पूछने पर की ऐसा क्यों, तो एक बगल में प्ले कार्डस बना रहे लड़के ने लिख कर कहा कि चुनाव के नतीजे और जामिया को लेकर कर रहे हैं।
दिल्ली चुनाव के नतीजों को लेकर एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यहां से हम किसी राजनीतिक पार्टी को समर्थन नही देते है और यहां से किसी की न हम बुराई करेंगे और ना ही भलाई, इसलिए हम सभी लोग मौन रखे हुए हैं ताकि कोई गलत संदेश यहां से न चला जाए। यह पूछने पर कि ये मौन धारण कब तक चलेगा, तो उसने कहा की सिर्फ सुबह से रात तक होगा ताकि हमसे कोई चुनाव को लेकर न पूछे।
बता दें, इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में शाहीन बाग का नाम बार बार आ चुका है. ये इलाका ओखला विधानसभा में आता है. यहां एक तरफ मतदान के दिन भी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन चलता रहा तो वहीं दूसरी तरफ यहां लोग बड़ी संख्या में घरों से निकले और यहां जमकर मतदान हुआ. मतदान की शुरुआत का समय सुबह 8 बजे था लेकिन जामिया और शाहीन बाग इलाके में मतदाताओं की कतारें उससे पहले ही पोलिंग बूथों के बाहर लग गईं।