बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता, नसरुद्दीन शाह का जन्मदिन है..
पढ़िए उनके जन्मदिन पर नसरुद्दीन शाह की आत्मकथा
आज फिल्मी जगत के नायक नसरुद्दीन शाह का जन्मदिन है .नसीरुद्दीन शाह भारतीय सिनेमा का एक जाना पहचाना नाम है. वह बॉलीवुड में हमेशा मुख्यधारा में रहे हैं चाहे वो सरफरोश, मोहरा या इश्किया जैसी फिल्मों में एक मनचले आदमी का किरदार. सभी करैक्टर में वह एकदम फिट दिखे हैं।
नाटकों से हुई शुरुआत..
नसीरुद्दीन शाह का जन्म 20 जुलाई 1950 में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में हुआ. अपनी शुरूआती पढ़ाई अजमेर और नैनीताल के स्कूलों से पूरी की.
आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया. यहां इनकी मुलाकात डाक्टर की पढ़ाई कर रहीं पकिस्तान की एक लड़की परवीन मुराद से हुई, जो इनसे 14 साल उम्र में बड़ी थी.
परवीन की मां यहीं पर प्रोफ़ेसर के पद पर थी, जबकि परवीन अपने पिता के साथ कराची में रहती थी. वो यहां स्टूडेंट वीजा पर हिन्दुस्तान में पढ़ाई करने आई थी.
नसीरुद्दीन को अलीगढ़ में पढ़ाई के दौरान ही नाटकों में हिस्सा लेने का अवसर प्राप्त हुआ, जिसके बाद अभिनय इनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया. 19 साल का यह नौजवान अपने अभिनय का जलवा बिखेरने के लिए कशमकश की जिंदगी जीने लगा.
हालांकि जब इनकी मुलाकात परवीन से होती है तो जल्द ही दोनों दोस्त बन जाते हैं, फिर परवीन इनको एक्टिंग के लिए प्रोत्साहित करने में अहम किरदार निभाने लगती है.
धीरे-धीरे दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगी और नसीरुद्दीन परवीन से प्यार करने लगे. प्यार अपने परवान पर चढ़ा ही था, कि नसीरुद्दीन शाह को पता लगा कि परवीन का बीजा ख़त्म होने वाला है और अब वो कुछ ही महीनों में यहां से पाकिस्तान वापस चली जाएगी.
परवीन यहां से जाना नहीं चाहती थी न ही नसीरुद्दीन उनको जाता हुआ देख सकते थे, लेकिन अगर परवीन भारत में रुकती तो उसे भारतीय नागरिकता की आवश्यकता थी. इधर नसीरुद्दीन शाह के साथ ही परवीन का प्यार भी उफान पर था. दोनों एक दूसरे को चाहने लगे थे
नसीरुद्दीन शाह ने अपनी आत्मकथा में यह बात भी स्वीकार की है कि मैं अपने होस्टल से ज्यादा वक़्त परवीन के घर पर ही बिताने लगा था. मुझे इनकी फैमली में एक अपना पन सा लगता था, यहां तक कि इतना तो अपने खुद के परिवार में भी नहीं. बहरहाल, नसीरुद्दीन शाह ने अपने फैमिली से बिना बताये हुए चुपके से परवीन मुराद से शादी कर ली और इस तरह परवीन को भारतीय नागरिकता मिल गई.
रत्ना पाठक से काफी अजीज रही..
परवीन से शादी करने के कुछ दिनों बाद ही अलीगढ़ विश्विद्यालय में परवीन से उनके रिश्ते की बात आग की तरह फैल गयी और फिर वहां से इनके माता पिता को भी इस बात की भनक लगी. इनकी शादी की खबर सुनते ही घरवाले इनसे बहुत नाराज़ रहने लगे.
इसी कड़ी में इन्होंने अपनी आत्मकथा में इस बात का भी ज़िक्र किया है कि उनके पिता के साथ उनका रिश्ता बेहतर नहीं रहता था अक्सर किसी न किसी बात पर एक दूसरे से असहमति बनी रहती थी.
बहरहाल, पहले से ही वो अपने पिता के खिलाफ जाकर पढ़ाई छोड़ दिया था और अभिनय की दुनिया में अपना करियर बनाने लगे थे तो पहले से ही एक विवाद घर वालों के साथ चल ही रहा था कि अब तो परवीन से उनकी चुपके की शादी ने घर वालों के बीच और गहरी दरार पैदा कर दी.
खैर, नसीरुद्दीन शाह एक्टिंग में अपना करियर बनाने के लिए दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में प्रवेश ले लिया और अपनी गर्भवती पत्नी को छोड़कर दिल्ली में अपने करियर को सवांरने लगे
नसीरुद्दीन शाह अपने करियर को सवांरने के लिए जद्दोजहद कर ही रहे थे, कि परवीन ने एक लड़की को जन्म दिया, जिसका नाम हिबा था. परन्तु नसीरुद्दीन पिता बनने के लिए तैयार नहीं थे, क्योंकि वो 20 साल की उम्र में न तो मानसिक न ही आर्थिक तौर पर ज्यादा मजबूत थे. इस वक़्त वो सिर्फ अपने करियर पर फोकस कर रहे थे.
धीरे-धीरे परवीन के साथ इनकी दूरियां बढ़ती चली गई और नसीरुद्दीन शाह भी अपने परिवार की हर तरह की जिम्मेदारी से दरकिनार हो गए थे. पहले तो वो हफ्ते फिर महीने-महीने में अलीगढ़ जाया करते थे.
मगर दूरियां इतनी बढ़ती गई दोनों के रिश्ते में दरार पैदा हो गई.आगे शादी को एक साल भी नहीं बिता था कि परवीन अपनी बेटी हिबा के साथ भारत छोड़कर चली गई. इधर नसीरुद्दीन भी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ते हुए अपने अतीत को भूलने लगे थे.
परवीन की जिंदगी से दूर होने के बाद नसीरुद्दीन बॉलीवुड अदाकारा रत्ना पाठक के करीब हो गए . आगे दोनों ने धर्म की दहलीज को पार करते हुए एक दूसरे से शादी कर ली और आज तक दोनों के रिश्ते में कोई खटास नहीं आई.
इसी कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि नसीरुद्दीन ने जहां पहले अपने से 14 साल बड़ी लड़की से शादी की थी वहीं इस बार अपने से सात साल छोटी अदाकारा से शादी किया था.
नसरुद्दीन को जब लगा बॉलीवुड से झटका..
नसीरुद्दीन शाह के करियर की बात करें तो उन्हें 1975 में भारतीय सिनेमा जगत में पहला ब्रेक निशांत फिल्म से मिला. उसके बाद जल्द ही एक अच्छे अभिनेता के तौर पर अपनी पहचान बनाने लगे.
आगे 1979 में स्पर्श फिल्म में उन्होंने एक अंधे का रोल अदा किया और अपने दमदार अभिनय का जलवा बिखेरने में कामयाब रहे. 1985 में आई फिल्म 'पार' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित किया गया.
इसके बाद तो बॉलीवुड का यह कलाकार कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसी कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि रत्ना के साथ उनकी खुशहाल जिंदगी चल रही थी और भारतीय सिनेमा जगत में भी उन्होंने एक मुकाम हासिल कर लिया थी कि, अचानक उनकी जिंदगी में एक नया मोड़ आ जाता है.
उन्हें एक संदेश पत्र मिलता है, जो कि उनकी बेटी हिबा का था. हिबा ने अपने पत्र में अपने पिता से मिलने की इच्छा जताई थी. इसके बाद पत्नी रत्ना ने बाप बेटी को मिलाने के लिए अहम किरदार निभाया और इस तरह नसीरुद्दीन शाह को अपनी बेटी हिबा से 12 साल बाद मिलने का मौक़ा मिला. आज हिबा नसीरुद्दीन के साथ ही उनके घर में रहती है जहां पत्नी रत्ना और उनके दो बेटे भी उनके साथ में खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं.
नसीरूदीन शाह ने आगे इकबाल, इश्किया, डेढ़ इश्किया, डर्टी पिक्चर जैसी 100 से अधिक फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय का जलवा बिखेरा. इसके चलते उन्हें 1987 में पद्म श्री और 2003 में पद्म भूषण से नवाज़ा गया.
आज नसरुद्दीन शाह का जन्मदिन है उनके जन्मदिन पर सभी पत्रकार, लेखक, नायक और गायक सभी शुभकामनाएं दे रहे हैं । यह नसरुद्दीन शाह का कद है जो उनकी अहमियत को समझता है। बॉलीवुड के लिए आदमी सबसे बड़ी हस्ती माने जाते हैं किरदार निभाने के साथ-साथ एक एक्टिविस्ट के रूप में भी उनकी भूमिका रही है चाहे 2018-19 में होने वाले सीए आंदोलन हो...
स्रोत - विभिन्न मीडिया साक्षात्कार पर आधारित