धीरे धीरे बदलाव और तरक्की की ओर बढ़ता उत्तर प्रदेश, कभी कुख्यात चंबल के डकैतों और पिछड़े प्रदेश के तौर पर जाना जाता था उत्तर प्रदेश
यूपी का हर जिला अब अपने एक विशेष उत्पाद के लिए जाना जाएगा
उत्तर प्रदेश में अभी हाल ही में यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का तीन दिवसीय भव्य आयोजन संपन्न हुआ है। इस दौरान लखनऊ में 10 से 12 फरवरी तक चलने वाले यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में कुल 10 देशों के प्रतिनिधियों और उद्यमियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान कई उद्यमियों ने यूपी में अपना निवेश करने के लिए सरकार के साथ एमओयू भी साईन किए। दरअसल यूपी में इस बार होने वाली इनवेस्टर्स समिट में भी राज्य सरकार ने पिछले साल की तरह ही ओडीओपी यानी वन डिस्ट्रीक्ट वन प्रोडक्ट पर विशेष बल दिया है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में संपन्न हुई यूपी ग्लोबल इनवेस्टर समिट में एक जिला एक उत्पाद पर ही अपना फोकस केंद्रीत रखा है। इस दौरान देश की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमति द्रोपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमति आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई बड़े नेता इस इनवेस्टर्स समिट में शामिल हुए।
वन डिस्ट्रीक्ट वन प्रोडक्ट को बल मिलने से खत्म होगी बेरोजगारी की समस्या
यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में इस बार वन डिस्ट्रीक्ट वन प्रोडक्ट पर जोर दिया गया है। दरअसल वन डिस्ट्रीक्ट वन प्रोडक्ट के तहत उत्तर प्रदेश की सरकार लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार देकर बेरोजगारी की समस्या को खत्म करना चाहती है। इसके अलावा यदि उत्तर प्रदेश में यूपी इनवेस्टर्स समिट में इस बार रिकाॅर्ड इनवेस्टमेंट हुआ है, जिसकी वजह से इस बार कुल 33.50 लाख का निवेश हुआ है। इसके अलावा इस बार यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में दुनिया के कुल 10 देशों के द्वारा शामिल हुए हैं। इसके साथ ही यूपी इनवेस्टर्स समिट कई देश के व्यापारियों ने भी अपना निवेश किया है। ऐसे में कही ना कहंीं उत्तर प्रदेश में इस इनवेस्टर्स समिट के बाद विदेशी कंपनियों के निवेश में बढ़ात्तरी दर्ज होगी। जिसकी वजह से राज्य व केंद्र सरकार को प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने में काफी ज्यादा मदद मिलेगी। इसके अलावा इस इनवेस्टर्स समिट में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ज्यादा से ज्यादा विदेशों उद्यमियों को भी उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित भी किया गया है। नतीजतन इस इनवेस्टर्स समिट में कहीं ना कहीं जब दूसरे देशों की कंपनियां इनवेस्ट करेंगी तो इसका सीधा लाभ उत्तर प्रदेश की सरकार और वहां की जनता को होगा।
उत्तर प्रदेश में 33.50 लाख के रिकार्ड इनवेस्टमेंट का प्रस्ताव
उत्तर प्रदेश में इस बार के इनवेस्टर्स समिट में कुल 33.50 लाख का इनवेस्टमेंट हुआ है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के हर क्षेत्र में इनवेस्टमेंट हुआ है जिसमें पूर्वांचल के 26 प्रतिशत निवेश हुआ है जबकि पश्चिमांचल में 45 प्रतिशत निवेश हुआ है। इसके साथ ही मध्यांचल और बुंदेलखंड दोनों इलाकों में 13-13 प्रतिशत इनवेस्टमेंट हुआ है। नतीजतन किसी जमानें में चंबल के डाकुओं के लिए कुख्यात रहने वाले यूपी में देश के विदेश के बड़े उद्यमी अपना निवेश करेंगें और यहा पर अपनी कंपनियों को स्थापित करेंगें। इसके अलावा इस बार यूपी इनवेस्टरर्स समिट में एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने पर बल दिया जा रहा है जिसकी वजह से छोटे और मध्यम उद्यमियों को भी यूपी में अपना निवेश करने में सहूलियत होगी। इसके साथ ही इस बार यूपी इनवेस्टर्स समिट में निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। इसके अलावा इस बार के यूपी इनवेस्टर्स समिट में दस देशों के द्वारा विशेष रूप से इनवेस्टमेंट किया गया है जिसमें यूके, जापान, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड,सिंगापुर, माॅरिशश, डेनमार्क, आस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात और इटली शामिल है।
यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट से उत्तर प्रदेश बनेगा औद्योगिक प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुई यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के बाद से अब वह उत्तर प्रदेश औद्योगिक प्रदेश बनने की ओर से अग्रसर होगा जो कभी चंबल के डकैतों के लिए विख्यात हुआ करता था। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में आज उत्तर प्रदेश के उत्तम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश अब बदलाव कही ओर तेजी से बढ़ता चला जा रहा है। उत्तर प्रदेश का पश्चिमांचल हो या मध्यांचल या फिर बुंदेलखंड हो या पूर्वांचल हर इलाकें में अब आने वाले समय में देश और दुनिया के बड़े बड़े उद्यमियों की कंपनियां इन इलाकों में स्थापित होते हुए आपको देखने को मिलेंगी। इसके अलावा यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में इस बार देश और दुनिया के कई बड़ी कंपनियों के मालिकों ने उत्तर प्रदेश में अपना कारोबार स्थापित करने और उत्तर प्रदेश में अपना निवेश करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ विभिन्न बिंदुओं पर एमओयू साईन किया है। ऐसे में कहीं ना कहीं अब तक कृषि प्रधान प्रदेश के रूप में जाना जाने वाला उत्तर प्रदेश अब औद्योगिक प्रदेश के रूप में जाना जाएगा। इसके साथ जब दुनिया भर की कंपनियां उत्तर प्रदेश में अपना निवेश करेंगी और अपनी ब्रांच को स्थापित करेेंगी तो इससे कहीं ना कहीं प्रदेश के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलने की संभावना बनी रहेगी।
छह वर्षो में काफी बदल गई उत्तर प्रदेश की तस्वीर
आज से लगभग 6 वर्ष पहले उत्तर प्रदेश देश का ऐसा सूबा था जो केवल गुंडाराज, जातिवाद और प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार के लिए जाना जाता था। लेकिन मौजूदा समय में अब उत्तर प्रदेश की तस्वीर बिल्कुल बदल चुकी है। दरअसल अब उत्तर प्रदेश में गुंडाराज और भ्रष्टाचार की खबरों पर नहीं बल्कि यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के आयोजन पर चर्चा होती हंै। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश की तस्वीर अब धीरे धीरे बदलती जा रही है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश में बनने के बाद लगातार यूपी में देश विदेश के उद्यमी अपना निवेश करते हुए नजर आ रहें हैं। उत्तर प्रदेश में यदि इसी तेज गति से बड़े अद्यौगिक घराने अपना इनवेस्टमेंट करतें रहें तो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश औद्यौगिक प्रदेश के रूप में बहुत जल्दी ही स्थापित हो जाएगा। आज उत्तर प्रदेश में देश विदेश के उद्यमी निर्भय होकर अपना व्यापार और उद्योग स्थापित कर सकते हैं क्योंकि यहां पर योगी आदित्यनाथ की सरकार द्वारा सुरक्षा की पूरी गारंटी उद्योगपतियों को दी जाती है। ऐसे में आज उत्तर प्रदेश तेजी से तरक्की और विकास के पथ पर बढ़ता चला जा रहा है।