प्रयागराज कुम्भ में झारखण्ड पवेलियन प्रदर्शित कर रहा है प्रदेश की संस्कृति, आस्था और प्राकृतिक सौन्दर्य की झलक
प्रयागराज: विश्व में आस्था का सबसे बड़ा समारोह प्रयागराज कुम्भ अपने चिर परिचित अंदाज में आयोजित हो रहा है| इस आयोजन में अपने प्रदेश की संस्कृति, आस्था और प्राकृतिक सौन्दर्य को प्रदर्शित करने के लिए झारखण्ड पर्यटन विभाग ने झारखण्ड मंडप स्थापित किया है. झारखण्ड पवेलियन कुम्भ मेले के सेक्टर 19 में डी० पी० एस० स्कूल के सामने बनाया गया है. जिसका विधिवत उदघाटन झारखण्ड प्रदेश के मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, पर्यटन सचिव राहुल शर्मा और प्रबंध निदेशक पर्यटन संजीव कुमार बेसरा व प्रयागराज कुम्भ मेला प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा किया गया.
झारखण्ड मंडप प्रदेश में आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बाबा बैद्यनाथ धाम के थीम पर सजाया गया है. जिसमे बाबा बैद्यनाथ धाम और प्रदेश में पर्यटन से जुडी सभी जानकारियां प्रदर्शित की गई है. झारखण्ड पवेलियन में प्रदेश की हस्तशिल्प, आहार, लोक संस्कृति और पर्यटन से जुडी सभी जानकारियां प्राप्त की जा सकेंगी. झारखंड सरकार इस मेले में अपने राज्य की कला- संस्कृति के धरोहरों को प्रमुखता से देश दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का प्रयास करेगी.
झारखण्ड प्रदेश भगवान बिरसा मुंडा के जन्म दिवस के दिन साल 2000 में झारखंड बिहार से अलग हुआ था.प्रयागराज कुम्भ में झारखंड ने पहली बार पवेलियन स्थापित किया है यह पहला मौका होगा जब भारत के अन्य राज्यों और दुनिया भर से आये अलग अलग देश के लोग झारखंड की कला, संस्कृति, खान पान, रीति रिवाज, भाषा को जान सकेंगे. कुम्भ मेला से राज्य को एक नयी पहचान मिलेगी और आने वाले वर्षों में झारखंड में पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा.
उदघाटन के अवसर पर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि दिव्य कुम्भ भव्य कुम्भ अनेकता में एकता का प्रतिनिधित्व करता है. झारखण्ड प्रदेश पर्यटन के दृश्टिकोण से आस्था के साथ साथ जनजातीय संस्कृति का भी केंद्र है.
झारखण्ड पर्यटन के सचिव राहुल शर्मा ने कहा की झारखण्ड पर्यटन प्रयागराज कुम्भ में अपने प्रदेश की संस्कृति को प्रदर्शित कर रहा है| पवेलियन में हमने झारखण्ड हस्तशिल्प के स्टाल, व्यंजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम और पर्यटन सूचना केंद्र की स्थापना की है. झारखण्ड पवेलियन मेले में आने वाले दर्शकों तक अपने प्रदेश की विशेषता से अवगत कराएगा साथ ही प्रदेश से आये कलाकार अपनी प्रस्तुति से लोगो को अभिभूत करेंगे. उदघाटन समारोह में झारखण्ड के लोक नृत्य गणेश आरती, पाइका, छऊ और राधा कृष्णा रासलीला प्रस्तुत की गई.