रजनीगंधा, विमल सहित 11 ब्रांड के पान मसाले 1 साल के लिए प्रतिबंधित, इन ब्रांडों के रखने पर होगी सख्त कार्रवाई

Update: 2022-07-05 11:34 GMT

झारखंड स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से 11 ब्रांड के पान मसालों को एक वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया गया है। पान मसालों पर प्रतिबंध को लेकर अब अलग- अलग जिलों के जिला प्रशासन की ओर से भी सख्त निर्देश दिये जा रहे हैं। खबर सिमडेगा से है जहां के अभिहित सह अनुमण्डल पदाधिकारी महेन्द्र कुमार ने कहा कि सिमडेगा में इन प्रतिबंधित पान मसालों की बिक्री और भंडारण पूर्णत प्रतिबंधित रहेगा।

एसडीओ ने जानकारी देते हुए बताया कि पान मसाला रजनीगंधा, राजनिवास, पानपराग, शिखर, दिलरूबा, मुसाफिर, मधुपानमसाला, विमल पान मसाला, बहार पान मसाला, सोहरत पान मसाला और पानपराग प्रीमियम पान मसाला को प्रतिबंधित किया गया है. इसका विनिर्माणकर्ता भण्डारण वितरण या बिक्री पर अगले एक वर्ष तक के लिए प्रतिबंधित लगाया गया है.

'बचा स्टॉक नष्ट कर दें कारोबारी'

महेन्द्र कुमार ने सिमडेगा के सभी थोक और खुदरा पान मसाला विक्रेताओं को आदेश दिया है कि यदि दुकान में पान मसालों का स्टॉक किया गया है तो स्वयं ही उन्हें नष्ट कर दें अन्यथा औचक निरीक्षण के क्रम में पकड़े जाने पर अर्थदंड अधिरोपित करते हुए खाद्य सुरक्षा के सुसंगत धाराओं के तहत कड़ी से कड़ी दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी. एसडीओ ने कहा कि विद्यालय परिसर के 100 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के तम्बाकू उत्पाद जैसे- बीड़ी, सिगरेट, खैनी, जरदा इत्यादि बेचना कोटपा एक्ट 2003 के तहत पूर्णतः प्रतिबंधित है. सभी दुकानदार इसका ध्यान रखें.

स्टॉक रहने पर शीघ्र करें नष्ट

प्रशासन ने सभी थोक और खुदरा पान मसाला विक्रेताओं को आदेश दिया है कि यदि दुकान में पान मसालों का स्टॉक किया गया है तो स्वयं ही उन्हें नष्ट कर दें अन्यथा औचक निरीक्षण के क्रम में पकड़े जाने पर अर्थदंड के साथ सुसंगत धाराओं के तहत कड़ी दण्डात्मक कार्रवाई की जायेग। एसडीओ ने कहा कि विद्यालय परिसर के 100 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के तम्बाकू उत्पाद जैसे- बीड़ी, सिगरेट, खैनी, जरदा इत्यादि बेचना कोटपा एक्ट 2003 के तहत पूर्णतः प्रतिबंधित है। इस बात का भी सभी दुकानदारों को ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है।

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