"अभिनंदन" को युद्ध बंदी मान किया रिहा, मतलब पाकिस्तान ने माना कि ये वार है, जबकि हमारी सरकार समझ रही है कि ये चुनाव प्रचार है- आचार्य
कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने केंद्र की मोदी सरकार को शहीद हुए जवानों को लेकर लताड़ लगाईं. उन्होंने कहा कि पूरा देश "अभिनंदन" के लिये "दुआयें" कर रहा था, और साहब यानी कि पीएम मोदी ने कई ऐयरपोर्ट अडानी को दे दिये. क्या यही सबसे बड़ी नैतिकता है.
आचार्य ने कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन को युद्ध बंदी मानते हुए रिहा करने का मतलब है, कि पाकिस्तान ये मान रहा है कि ये वाँर है, और हमारी सरकार समझ रही है, कि ये चुनाव प्रचार है. जबकि जिनेवा संधि के तहत छोड़ा गया है जिसका मतलब होता है कि किसी भी देश आपकी आपसी रिश्ते ठीक नहीं है आपने उसका सैनिक बंदी बनाया है तो उस के तहत आपको जरूरी जानकारी के बाद सकुशल वापस करना होता है.
आचार्य ने कहा कि ISI की ख़तरनाक और ज़हरीली साज़िश की ख़बर, देश की इंटेलीजेंस से पहले, कुछ TV चैनल के एंकर्स को कैसे चल जाती है, कहीं ये सब उनके एजेंट तो नहीं.....? आचार्य ने यह बात कहकर देश की पूरी मीडिया पर सवाल खड़ा कर दिया है.