दवा और गेहूं के लिए अफगानिस्तान ने कहा थैंक्स, PM मोदी ने कहा- आंतकवाद से लड़े और अब कोरोना का करेंगे मुकाबला
अफगानिस्तान के लोगों के लिए 5 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट, 1 लाख पैरासिटामोल टैबलेट और 75 हजार मीट्रिक टन गेहूं के लिए मेरे दोस्त पीएम नरेंद्र मोदी और भारत का शुक्रिया
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मदद को लेकर अफगानिस्तान ने भारत को शुक्रिया कहा है। भारत ने दवा से लेकर गेहूं तक अफगानिस्तान भेजा है। अफगानिस्तान के धन्यवाद पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जैसे हम लंबे समय से एक साथ आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं उसी तरह कोविड-19 के खिलाफ भी एक साथ जंग लड़ेंगे।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सोमवार को ट्वीट किया, 'अफगानिस्तान के लोगों के लिए 5 लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट, 1 लाख पैरासिटामोल टैबलेट और 75 हजार मीट्रिक टन गेहूं के लिए मेरे दोस्त पीएम नरेंद्र मोदी और भारत का शुक्रिया। 5000 मीट्रिक टन गेहूं एक दो दिन में अफगानिस्तान पहुंच जाएगा।'
पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम नरेंद्र मोदी ने करीब एक घंटे बाद ही इसका जवाब देते हुए लिखा, 'भारत और अफगानिस्तान की दोस्ती स्पेशल है और यह इतिहास, भूगोल और सांस्कृतिक रिश्तों पर आधारित है। लंबे समय तक हम आतंकवाद के खिलाफ साथ लड़ते रहे हैं और अब इसी तरह कोविड-19 का मुकाबला करेंगे।'
India and Afghanistan share a special friendship, based on ties of history, geography, and culture.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 20, 2020
For long, we have fought jointly against the scourge of terrorism. We will similarly combat COVID-19 together, with solidarity and shared resolve. @ashrafghani https://t.co/du6Rw0jvPV
गौरतलब है कि अफगानिस्तान क्षेत्र में कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित देशों में शामिल है, जहां संक्रमण के 82,000 से अधिक मामले हैं और 5 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत 55 से अधिक देशोंको कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर साबित हो रही एंटी मेलेरिया दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का निर्यात कर चुका है। भारत ने श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव जैसे पड़ोसी राज्यों के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन आदि को भी दवा भेजी है। वर्षों से युद्धग्रस्त रहे अफगानिस्तान को भारत ने गेहूं भेजकर भी मदद की है।
तालिबान और पाकिस्तान पोषित आतंकवाद से पीड़ित रहे अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में भारत ने अहम भूमिका निभाई है। कई मौकों पर भारत अफगानिस्तान की मुश्किलों में उसके साथ खड़ा रहा है। भारत और अफगानिस्तान दोनों ही पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं।