तीन बार हुईं फेल फिर चौथे प्रयास में मिली सफलता, मिसाल से कम नहीं डॉक्टर से आईएएस बनीं केरल की अस्वति श्रीनिवास
अस्वति एमबीबीएस ने डॉक्टर से आईएएस अधिकारी बनकर मिसाल पेश की है।
कहते हैं कि हौसले बुलंद हों तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं। केरल की कोल्लम निवासी अस्वति श्रीनिवास पर यह बात 100 फीसदी लागू होती है। यह उनका कभी न हार मानने वाला जज्बा ही था जो तीन अटेंप्ट में फेल होने के बाद चौथी बार में उन्होंने यूपीएससी 2019 की परीक्षा में ऑल इंडिया 40वीं रैंक हासिल की थी। अस्वति के मामले में बोनस पॉइंट था उनका परिवार जिन्होंने हर चुनौती में उनका साथ दिया और आज उन्हीं की बदौलत अस्वति एमबीबीएस ने डॉक्टर से आईएएस अधिकारी बनकर मिसाल पेश की है।
अस्वति श्रीनिवास जब केरल के श्री गोकुलम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रही थीं उसी वक्त उन्होंने सिविल सर्विस में करियर बनाने का फैसला कर लिया था। अपना कोर्स पूरा करने के बाद अस्वति ने यूपीएससी की परीक्षा में हिस्सा लिया लेकिन उन्हें पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली।
इसके बाद अस्वति ने अपना पूरा ध्यान यूपीएससी की तैयारी में लगाया और आखिरकार चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिली। अस्वति बताती हैं कि हर प्रयास में मिली विफलता से वह निराश जरूर हो गई थीं लेकिन उनके पास परिवार का सहयोग था जिन्होंने उनकी मंजिल तक पहुंचने के सफर में मजबूती से साथ निभाया।
अस्वति के माता-पिता श्रीनिवासन और लीला श्रीनिवासन भी सिविल सेवा अधिकारी हैं। शुरुआत में अस्वति खुद से ही यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं लेकिन इससे उनकी बहुत मदद नहीं हो पा रही थी। इसके बाद 2017 में उन्होंने आईएएस कोचिंग इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया।
यूपीएससी की परीक्षा में अस्वति का जनरल साइंस का पेपर काफी अच्छा हुआ था लेकिन वह ऑप्शनल- मेडिकल साइंस- को लेकर थोड़ी टेंशन में थीं। उनका कहना है कि जनरल साइंस और मेडिकल साइंस के बीच बैलंस बनाना मुख्य चुनौती रही लेकिन उन्होंने दोनों एग्जाम क्रैक कर लिए।
अस्वति मूल रूप से केरल के कोल्लम की रहने वाली हैं। उनकी परवरिश कासरगोड में हुई है वहीं शुरुआती पढ़ाई जवाहर नवोदय, केंद्रीय विद्यालय कासरगो़ड और केंद्रीय विद्यालय त्रिवेंद्रम से हुई है। इस वक्त उनकी मसूरी में ट्रेनिंग चल रही है। साभार : NBT