जागरण समूह के अध्यक्ष और जागरण परिवार के मुखिया योगेन्द्र मोहन गुप्ता का स्वर्गवास!
जागरण समूह के अध्यक्ष, जागरण परिवार के मुखिया योगेन्द्र मोहन जी का कानपुर में स्वर्गवास हो गया है। उनकी अंत्येष्टि कल कानपुर में ही गंगा तट पर पूर्वाह्न में होगी। अभी उनका पार्थिव शरीर तिलक नगर स्थित पूर्ण निवास में सभी के दर्शनार्थ रखा गया है।
अभी उनकी पार्थिव देह कानपुर में पूर्ण निवास, तिलक नगर में सभी के दर्शनार्थ रखी गई है। योगेन्द्र मोहन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'दैनिक जागरण समूह के चेयरमैन योगेन्द्र मोहन गुप्ता जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना कला, साहित्य और पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। ॐ शांति!'
योगेन्द्र मोहन जी, जिन्हें सभी स्नेह, प्यार और आदर से सोहन बाबू कहते थे, का निधन समस्त जागरण परिवार, पत्रकारिता जगत और विज्ञापन की दुनिया के लिए अपूर्णीय क्षति है। उन्होंने विज्ञापन जगत में तमाम ऐसे नवोन्मेष व नवाचार किये, जो आज भी देश भर के अखबारों के लिए आय अर्जन के सतत आधार साबित हो रहे हैं।
योगेन्द्र मोहन बीमार चल रहे थे। 83 वर्षीय योगेन्द्र मोहन जी ने शुक्रवार सुबह एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। योगेन्द्र मोहन को सभी स्नेह, प्यार और आदर से सोहन बाबू कहते थे।
जागरण शैक्षिक संस्थानों के जरिये उन्होंने शिक्षा जगत के लिए तमाम नये प्रयोग किये. साहित्य और संगीत में उनकी गहरी रुचि व समझ थी। वह स्वयं बहुत अच्छा लिखते थे और गाते भी बहुत सुंदर थे। उनका जन्म 14 दिसंबर 1937 को हुआ था।
दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार राजू मिश्र लिखते हैं-
जागरण समूह के चेयरमैन योगेंद्र मोहन गुप्ता का आज निधन हो गया। वे अपने दौर की सर्वोत्कृष्ट पत्रिका कंचनप्रभा के संपादक भी रह चुके थे। वे कुछ समय से अस्वस्थ थे। कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी उनका अविस्मरणीय योगदान रहा। लक्ष्मीदेवी ललित कला अकादमी की स्थापना का श्रेय उन्हें ही है। वे एक उत्कष्ट कवि भी थे। उनकी कई पुस्तकें भी प्रकाशित हुईं। पत्रकारिता में एडवरटाइजिंग को उन्होंने नई विधा दी। विनम्र श्रद्धांजलि।