समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के लिए फिलहाल राहत भरी खबर सामने आई है. आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी का गेट गिराए जाने के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. रामपुर के डिस्ट्रिक्ट जज के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए यूपी सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है. जवाब दाखिल होने तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
आपको बता दें कि, जस्टिस अजीत कुमार की बेंच में ये सुनवाई हुई. इस पूरे मामले में आजम खान पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर गेट बनाने का आरोप था. वहीं, आजम खान की तरफ से दलील दी गई थी कि, यूनिवर्सिटी की जमीन पर गेट बनाया गया है. इस मामले में अब सितंबर महीने में अगली सुनवाई होगी.
जौहर विश्वविद्यालय के मुख्य गेट को तोड़े जाने का मामला करीब दो साल से सेशन कोर्ट में विचाराधीन था। एसडीएम सदर ने 25 जुलाई 2019 को विश्वविद्यालय के मुख्य गेट को अवैध मानते हुए इसे तोड़ने के आदेश जारी किया था। इसके बाद सपा सांसद आजम खां की ओर से हाईकोर्ट की शरण ली गई थी।
हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए सेशन कोर्ट जाने की छूट दी थी। इसके बाद मामला सेशन कोर्ट में चल रहा था। कोर्ट ने गेट तोड़ने के एसडीएम के आदेश को बहाल रखा था। कोर्ट ने यूनिवर्सिटी की ओर से दाखिल अपीलों को खारिज कर दिया था।
रामपुर के जनपद न्यायाधीश गौरव कुमार श्रीवास्तव ने जौहर विवि का गेट तोड़ेने के एसडीएम कोर्ट के आदेश को बहाल रखते हुए यूनिवर्सिटी की ओर से दाखिल अपीलों को खारिज कर दिया था। इस मामले में आजम खां पर करीब सवा तीन करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। जिसे जिला अदालत ने घटाकर 1.63 करोड़ रुपये कर दिया था। जुर्माने की राशि की वसूली के लिए पिछले दिनों आजम खां के घर पर नोटिस भी चस्पा की गई थी।