वाराणसी न्यायालय में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई आज...

Update: 2022-10-21 02:54 GMT

ज्ञानवापी-मां श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई आज वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में होगी। कोर्ट आज मां श्रृंगार गौरी केस में पार्टी बनने के लिए दी गई तीन एप्लिकेशन पर अपना आदेश सुनाएगी। इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर में कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए वादी हिंदू पक्ष की ओर से की गई मांग पर कोर्ट सुनवाई करेगी। हिंदू पक्ष की इस मांग पर प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को अपनी आपत्ति दाखिल करनी है।

17 अक्टूबर को 5 एप्लिकेशन हुई थी खारिज

मां श्रृंगार गौरी केस में पार्टी बनने के लिए दी गई 5 एप्लिकेशन को बीते 17 अक्टूबर को सुनवाई के बाद जिला जज की कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अदालत ने कहा था कि इस मामले में पहले से समर्थ लोग पक्षकार हैं। वादी को बाध्य नहीं किया जा सकता है कि वह किसी अन्य को पक्षकार बनाए। शेष तीन अन्य एप्लिकेशन पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना ऑर्डर 21 अक्टूबर के लिए सुरक्षित रख लिया था।

इसके अलावा वादिनी महिलाओं ने ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग की पूर्वी दीवार और नंदी के मुंह के सामने वाले तहखाने की उत्तरी दीवार को हटाकर कमीशन की कार्रवाई आगे बढ़ाने की मांग की है। साथ ही, ज्ञानवापी में बैरिकेडिंग की पश्चिमी दीवार के बंद दरवाजे को तोड़ कर एडवोकेट कमिश्नर को कमीशन की कार्रवाई करने का आदेश देने की मांग कोर्ट से की है। इस मांग पर सुनवाई के लिए कोर्ट ने 21 अक्टूबर की डेट फिक्स की है।

एक साल पहले दाखिल हुआ था केस

अगस्त 2021 में विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन के नेतृत्व में दिल्ली की राखी सिंह और वाराणसी की सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक व लक्ष्मी देवी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में मुकदमा दाखिल किया था।

पांचों महिलाओं ने मांग की थी कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां शृंगार गौरी के मंदिर में नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति मिले। इसके साथ ही ज्ञानवापी परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा के लिए मुकम्मल इंतजाम हो। कोर्ट ने मौके की स्थिति जानने के लिए कमीशन गठित करते हुए अधिवक्ता कमिश्नर नियुक्त करने और 3 दिन के अंदर पैरवी का आदेश दिया था।

इसके विरोध में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी का कहना था कि मां श्रृंगार गौरी केस सुनवाई के योग्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के क्रम में वाराणसी के जिला जज की कोर्ट ने आदेश दिया कि मां श्रृंगार गौरी केस सुनवाई योग्य है।

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