आज से भक्ति का नया अध्याय शुरू, अब राम के साथ तीनो भाइयो की होगी पूजा चारो माताओ के साथ हनुमान जी भी विराजे है

श्रीराम परिवार मन्दिर की व्यवस्था काशी और अयोध्या से जुड़ी रहेगी, आदिवासियों के साथ रामभक्तो के लिए पाटी बना तीर्थस्थल

Update: 2023-06-28 12:05 GMT

पिपरी (सोनभद्र), 28 जून। राम परिवार वसुधैव कुटुम्बकम की संबंध संस्कृति है । यह सत्ता का शास्त्र नही है । राम परिवार रामराज्य की अनिवार्य शर्त है । भारतीय सांस्कृतिक इतिहास में पहली बार रामपंथ द्वारा स्थापित आदिवासियों द्वारा निर्मित विश्व के पहले राम परिवार मन्दिर में प्राण प्रतिष्ठा महासमरोह के अंतिम दिन 9 मूर्तियों की प्रतिष्ठा की गई । प्रतिष्ठा के पहले सभी मूर्तियों को 96 कलश से विभिन्न औषधियों से रामपंथ के पंथाचार्य एवं विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजीव श्रीगुरुजी एवं आदिवासियों के धार्मिक नेता द्वारिका प्रसाद खरवार ने स्नान कराया ।

मूर्ति प्रतिष्ठा के बाद मन्दिर का ऑनलाइन उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने किया । प्रतिष्ठा के बाद हवन कर पूर्णाहुति पण्डित अमित पुरोहित ,पण्डित रामानंद पांडेय एवं पण्डित राजेश मिश्रा ने कराया ।

काशी धर्म परिषद के अध्यक्ष एवं रामपंथ के धर्माध्यक्ष महंत बालक दास जी महाराज ने पाटी के श्रीराम परिवार मन्दिर को धर्म परिषद की मान्यता दी और आदिवासी समाज के द्वारिका प्रसाद खरवार को रामाचार्य नियुक्त कर मन्दिर में पूजा कराने का अधिकार दिया । बालक दास जी एवं डॉ राजीव श्रीगुरुजी ने जैसे ही घोषणा की कि आज से दुनिया के लोग भगवान राम माता जानकी , भगवान भरत माता मांडवी , भगवान लक्ष्मण माता उर्मिला,भगवान शत्रुघ्न माता श्रुतकीर्ति एवं संकट मोचन हनुमान जी का एक साथ दर्शन कर सकते है वैसे ही चारो भाइयो के जयकारे लगने लगे । जैसे ही महादर्शन के लिए मन्दिर का पट खोला गया वैसे ही चारो भाइयो की एक झलक पाने के लिए होड़ मच गई । आदिवासियों के साथ काशी और अन्य जिलों से बड़ी संख्या में राम सम्बन्धवादी भक्त पाटी में पहुचे थे ।


रामपंथ ने भगवान राम के साथियों के वंशजों को फिर से राम से मिलाने का काम किया है । जल्द ही 500 आदिवासियों के साथ रामपंथ के पंथाचार्य डॉ राजीव श्रीगुरुजी अयोध्या तक पैदल यात्रा करेगे ।

राम परिवार मन्दिर के उद्घाटन एवं महादर्शन के अवसर पर मुख्य अतिथि इंद्रेश कुमार ने आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षो से वनों में रहने वाले ही भारतीय सनातन परंपरा के मूल निवासी है । उन्हें आदिवासी या जनजातीय कहा जाता है । जो वनों में रह रहे है उनके साथ धर्म आये इसका प्रयास रामपंथ कर रहा है । मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने राज्य का सुख नही भोगा ,बनवासियो जैसे रहे । उनके चारो भाई और उनकी पत्निया सेवक हनुमान एक ऐसा परिवार है जहां अधिकार नही कर्तव्य के लिए लोग प्रतिबद्ध है । इतिहास इस बात का साक्षी है आपसी तनाव और संघर्ष से जूझ रहा परिवार आज टूट रहा है । अशिक्षा और अधर्म चारो तरफ बढ़ रहा है । परिवार सुदृढ है जब अलग अलग जाति ,भाषा ,धर्म होने के बाद भी एक दूसरे से प्रेम से रहे । इसलिए यह संकल्प लिया गया है राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न एवं उनकी पत्निया ,भक्त सेवक हनुमान यह एक आदर्श परिवार है । आदर्श परिवार की कथाएँ घर घर में प्रचलित है । इस विचार के साथ पाटी गांव में राम परिवार मन्दिर की स्थापना की जा रही है । मैं इस महानतम आदर्श परिवार के प्रति श्रद्धा व्यक्त करता हूँ । जल्द ही रामपंथ द्वारा आयोजित महदीक्षा संस्कार में पुनः भाग लूंगा । आदिवासी समाज ने पूरी दुनिया को प्रेम शांति और पारिवारिक एकता के साथ राम के साथ सम्बंध का संदेश दिया है ।

राम आस्थावादी दार्शनिक चट्टो बाबा ने कहा कि रामपंथ राज्य की स्थापना का रामसेतु है । सामाजिक संबंधों को इस मंदिर से मजबूती मिलेगी ।

धर्माध्यक्ष बालक दास जी ने कहा कि रामपंथ पूरी दुनिया को आदर्श परिवार और आदर्श राज्य की परिकल्पना देगा और युद्धरत राष्ट्रों के लिए राम परिवार मन्दिर आवश्यक है । दुनिया के दूसरे देशों में भी राम परिवार सम्बन्ध का विस्तार करेगा ।

रामपंथ के पंथाचार्य डॉ राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि अदिवासियो द्वारा निर्मित यह मन्दिर टूटते संबंधों के लिए औषधि का काम करेगा । टूटते रिश्तो और बिखरते परिवार को बचाने के लिए यह मंदिर सबसे पवित्र देवालय है जहां आने मात्र से परिवार की सुख और समृद्धि बनी रहेगी ।

महादर्शन के साथ ही परिक्रमा प्रारम्भ हो गयी जिसमे सैकडों आदिवासियों ने राम परिवार मन्दिर की परिक्रमा कर परिवार की खुशहाली की मनोकामना की । महंत बालक दास ने रामपंथ के पंथाचार्य डॉ राजीव श्रीगुरुजी को भगवान राम का प्रतीक पूजित और सिद्ध तीर धनुष प्रदान किया ताकि राष्ट्र और धर्म की रक्षा कर सके ।

महादर्शन के समय 5 अदिवासियो द्वारिका प्रसाद , बबई ,राजमन ,मंगरु एवं सीताराम ने तीर धनुष के साथ भगवान राम परिवार को प्रणाम कर श्रद्धा व्यक्त किया ।51 आदिवासी बेटियो ने भगवान के समक्ष दंडवत प्रणाम किया ।

उर्दू में रामचरित मानस लिखने वाली रामभक्त नाजनीन अंसारी ने तीनों दिन प्राण प्रतिष्ठा के सभी विधि विधान में भाग लिया और हवन कर पूर्णाहुति की ।

काशी से विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय महासचिव डॉ० अर्चना भारतवंशी, विशाल भारत ब्रॉडकास्ट की चेयरपर्सन खुशी रमन भारतवंशी, अनाज बैंक के महाप्रबंधक अजय कुमार सिंह,भारतीय अवाम पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष नजमा परवीन, इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव, अजीत सिंह टीका, ओ पी सिंह, अभय राज पांडेय, नौशाद, आभा देवी, इली भारतवंशी, उजाला भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, डॉ० धनंजय यादव, ताजीम भारतवंशी, रोजा भारतवंशी पाटी पहुचे और भगवान राम के साथ सभी भाइयो का दर्शन किया ।

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