कुछ दिनों की शांति के बाद बीएचयू सोमवार को एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया। बीएचयू अस्पताल में सोमवार को आउटसोर्सिंग पर रखे गए कर्मचारियों (मल्टी टास्किंग स्टाफ) और छात्रों के बीच मारपीट से एक बार फिर माहौल बिगड़ गया। जब विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों में मारपीट हो गई। गैस्ट्रोलॉजी डिपार्टमेंट की ओपीडी में घटी इस घटना के बाद हड़कंप मच गया।
बताया जाता है कि बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के ओपीडी में सोमवार की सुबह बिरला सी में रहने वाले छात्र किसी को दिखाने पहुंचे थे। पहले दिखाने को लेकर वहां तैनात एमटीएस कर्मचारियों से छात्रों का विवाद हो गया। कर्मचारियों का आरोप है कि छात्रों ने विक्की नामक कर्मचारी की पिटाई कर दी। मारपीट की जानकारी होते ही सभी एमटीएस कर्मचारी काम छोड़कर पहले चीफ प्रॉक्टर कार्यालय पहुंचे। वहां सुरक्षा गार्डों ने सभी को वापस कर दिया तो बीएचयू के मुख्य गेट सिंहद्वार पहुंचे और गेट को बन्द कर धरने पर बैठ गए।
सिंहद्वार बन्द होने की सूचना पर पहुंचे इंस्पेक्टर लंका महेश पांडेय पीएसी के जवानों के साथ पहुंचे। गेट बंद कर बिरला छात्रावास के छात्रों के खिलाफ विरोध कर रहे कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया लेकिन सभी मानने के लिए तैयार नहीं हुए। इसी बीच बिरला के भी छात्र वहां पहुंचने लगे तो पुलिस के हाथ पांव फूल गए।
एसीपी भेलूपुर प्रवीण कुमार सिंह भेलूपुर, रामनगर, मंडुआडीह थानों की फोर्स के साथ पहुंचे। धरना प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों का कहना था कि आए दिन छात्र जबरी ओपीडी में घुसकर दिखाते हैं। कुछ कहने पर मारपीट करते हैं। गैस्ट्रोलॉजी की ओपीडी में बिरला सी में रहने वाले अभिषेक नामक छात्र अपने एक साथ किसी को दिखाने के लिए लेकर पहुंचा। वहां बिना नंबर ओपीडी में दिखाने के लिए घुस गए। मारपीट कर चेन और अंगूठी छीन ले गए। करीब 80 मिनट के बाद एसीपी भेलूपुर ने कर्मचारियों से बातचीत कर सिंहद्वार को खुलवाया।