लखनऊ से हेलीकाप्टर से वाराणसी पहुंचे सीएम योगी ने सबसे पहले गंगा और वरुणा के बाढ़ प्रभावित इलाकों को हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद संपूर्णानंद यूनिवर्सिटी में बने हेलीपैड पर लैंड करने के बाद कार से भैसासुर घाट पहुंचे। वहां से एनडीआरएफ की नाव से गंगा से होते ही वरुणा नदी में बाढ़ का हाल जानने सरैयां तक गए। सरैयां से सीएम योगी आलिया गार्डेन पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों को अपने हाथों से राहत सामग्री का वितरण किया।
बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद सीएम योगी सर्किट हाउस में कानून व्यवस्था व विकास परियोजनाओं की समीक्षा बैठक करेंगे। इसमें दिसम्बर तक पूरी होने वाली परियोजनाओं के कार्य पर फोकस रहेगा। समीक्षा बैठक के बाद देर शाम शहर में चल रही विकास परियोजनाओं का निरीक्षण करेंगे। इसमें पार्किंग, फुलवरिया फोरलेन, स्मार्ट सिटी के कार्य शामिल हैं। मुख्यमंत्री काशी विश्वनाथ मंदिर भी जाएंगे। वह यहां दर्शन-पूजन करने के बाद कॉरिडोर के कार्यों का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम काशी में करेंगे।
वाराणसी में गंगा खतरे के लेवल से एक मीटर ऊपर बह रही है। वरुणा में आई बाढ़ भी भयावह होती जा रही है। गुरुवार की सुबह 11 बजे गंगा का जलस्तर 72.32 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 71.26 से 1.06 मीटर अधिक है। गंगा और वरुणा के पानी से शहर से लेकर गांव तक 40 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। मालवीय पुल से गुजरने वाले ट्रेनों की स्पीड 10 किमी प्रति घंटे तय की गई है।
टिकरी में बना अस्थाई बंधा भी टूट गया है। इससे गंगा का पानी बस्तियों में घुस रहा है। बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए NDRF, जल पुलिस और पीएसी मुस्तैद है। डीएम कौशलराज शर्मा ने दावा किया है कि गंगा नदी का जलस्तर स्थिर हो गया है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर के स्थिर होने से जलभराव के क्षेत्रों में लोगों को राहत मिलेगी और नए घर इसकी चपेट में नहीं आएंगे।