जन जागरूकता के लिए वाराणसी में आयोजित हुई साइक्लोथॉन, मंत्री अनिल राजभर ने की ये अपील
G20 समिट की बैठकें वाराणसी में 17 अप्रैल से प्रस्तावित हैं। ऐसे में वाराणसी जिला प्रशासन इसका प्रचार और प्रसार कर रहा है।
वाराणसी में 17 अप्रैल से 20 अप्रैल तक जी-20 सहयोग संगठन की कृषि सम्बंधित पहली बैठक आयोजित की गयी है। इसके अलावा बनारस में अगस्त तक 5 और बैठकें प्रस्तावित हैं। ऐसे में शहर में तेजी से सौंदर्यीकरण का कार्य चल रहा है।
G20 समिट की बैठकें वाराणसी में 17 अप्रैल से प्रस्तावित हैं। ऐसे में वाराणसी जिला प्रशासन इसका प्रचार और प्रसार कर रहा है। इसी क्रम में शहर इस आयोजन में जन सहभागिता सुनिश्चित करे के लिए रविवार की सुबह सर्किट हाउस से साइक्लोथॉन का आयोजन किया गया। इस साइक्लोथॉन को कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने हरी झंडी देकर रवाना किया। इसमें काशी के कई स्कूलों के स्टूडेंट्स, संस्थाओं के सदस्य के साथ ही जिलाधिकारी एस राजलिंगम और सीडीओ हिमांशु नागपाल ने भी साइकिल चलाई।
बेनियाबाग पर हुई समाप्त
सर्किट हाउस से शुरू हुई यह साइक्लोथॉन बेनियाबाग मैदान पर समाप्त हुई। इस आयोजन में शामिल होने के लिए जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने सभी से अपील की थी। इसके बाद कई स्कूलों के स्टूडेंट्स इस साइक्लोथॉन में शामिल हुई। बेनियाबाग पर भव्य तरीके से साइक्लोथॉन का समापन किया गया।
पूरा काशी G20 से जुड़े
इस मौके पर मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि सरकार चाहती है कि इस G20 के आयोजन से पूरी काशी जुड़े। दुनिया के कई ऐसे देशों के डेलिगेशन इसमें आ रहे हैं जो विकसित हैं और दुनिया में बहुत आगे हैं। उनके सामने काशी की परंपराओं और संस्कृतियों की अच्छी तस्वीर बनाएं। काशी की एक परंपरा रही है कि हम अतिथि का कैसे स्वागत करते हैं। ऐसा ही एक बेहतर वातावरण बनाने का सरकार और प्रशासन कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आज का यह साइक्लोथॉन का आयोजन जन सभागिता बढ़ाने और एक वातावरण बनाने के लिए किया जा रहा है। आम जन को इस आयोजन से जोड़ने के सरकार प्रयासरत है और आज उसी के तहत यह आयोजन किया गया है।
अनिल राजभर, कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार
मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि पूरे देश में जगह-जगह G20 सम्बंधित आयोजन होने हैं। ऐसे में प्रदेश और केंद्र सरकार के प्रयासों और काशी की आम जनता के सहयोग से हम इस आयोजन में भी काशी को नंबर वन बनाएंगे। हमारी अपील है कि सभी काशीवासी इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लें और काशी के पुरातन स्वरुप को संजोते हुए आधुनिक तस्वीर पेश करने में सहायता करें।