Dev Deepawali: लाखों दीयों से जगमगाए मां गंगा के घाट, तस्वीरों में देखें काशी की अलौकिक छटा
कार्तिक पूर्णिमा के दिन वाराणसी में देव दीपावली का आयोजन सदियों से होता चला आ रहा है. मान्यता है कि इस दिन देवताओं ने शिव की नगरी में दीपावली मनाई थी
देव दीपावली उत्सव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर हैं. हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने की पूर्णिमा को देव दीपावली मनाई जाती है. इस साल देव दीपावली गंगा नदी के दोनों किनारों पर लाखों दीप जलाकर मनाई जा रही है.
पीएम मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में 50 किलोमीटर का रास्ता हवाई मार्ग से और 40 किलोमीटर सड़क मार्ग से तय किया. पीएम मोदी पिछली बार फरवरी में वाराणसी आए थे. लॉकडाउन के बाद से वे पहली बार वाराणसी आए हैं. प्रधानमंत्री का वाराणसी का यह 23वां दौरा है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन वाराणसी में देव दीपावली का आयोजन सदियों से होता चला आ रहा है. मान्यता है कि इस दिन देवताओं ने शिव की नगरी में दीपावली मनाई थी तब से इसे देव दीपावली कहा जाता है.
काशी आस्था के रंग में रंगी नजर आ रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीप प्रज्ज्वलित करके देव दीपावली महोत्सव का शुभारंभ किया. इस मौके पर पीएम ने मंदिरों की वेबसाइट का भी उद्घाटन किया.
चेत सिंह घाट पर जहां लेजर शो के जरिए देव दीपावली की अहमियत समझाई गई तो वहीं विश्वनाथ कॉरिडोर का निरीक्षण करने के बाद राजघाट पर पहला दीया जलाकर देव दीपावली की पारंपरिक शुरुआत की गई.
कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री पहली बार बनारस दौरे पर हैं. हालांकि वे पहले वर्चुअली तरीके से कई मौकों पर जुड़कर कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुके हैं. प्रधानमंत्री के दौरे के लिए पवित्र शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के अलावा, ड्रोन कैमरों का उपयोग किया जाएगा. स्थानीय लोगों द्वारा ड्रोन कैमरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे और मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद पीएम कॉरिडोर प्रोजेक्ट का जायजा लिया साथ ही दीप दान किया.
राजघाट से PM मोदी ने कहा कि आज मां गंगा के सानिध्य में काशी प्रकाश का उत्सव मना रही है. मुझे भी महादेव के आशीर्वाद से इस प्रकाश गंगा में डुबकी लगाने का सौभाग्य मिल रहा है. काशी के लिए एक और भी विशेष अवसर है. कल मन की बात में भी मैंने इसका जिक्र किया था. 100 साल से भी पहले माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी, वो फिर वापस आ रही है.