पत्रकारों का उत्पीड़न बंद हो, पीएम के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय में दिया ज्ञापन

प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में मौजूद महापौर अशोक तिवारी और कार्यालय प्रभारी शिवशरण पाठक ने पत्रकारों का ज्ञापन स्वीकार कर उसे पीएमओ को भेजने का आश्वासन दिया।

Update: 2023-10-16 14:59 GMT

वाराणसी, 16 अक्टूबर। काशी पत्रकार संघ और गामीण पत्रकार एसोसिएशन के आह्वान पर वाराणसी के पत्रकारों ने न्यूज पोर्टल ‘न्यूज क्लिक’ के साथ ही देश में विभिन्न समाचार माध्यमों से जुड़े पत्रकारों के उत्पीड़न व दमन की घटनाओं के विरोध में अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सम्बोधित ज्ञापन उनके संसदीय जनसम्पर्क कार्यालय (जवाहर नगर कॉलोनी) में सौंपा।

पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार नगर के पत्रकार दिन में 12 बजे गुरुधाम चौराहे पर एकत्रित होकर काशी पत्रकार संघ के महामंत्री अखिलेश मिश्र, प्रदीप कुमार, विकास पाठक, सुभाषचंद्र सिंह, राजनाथ तिवारी (पूर्व अध्यक्ष, काशी पत्रकार संघ), व ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीबी तिवारी (राजकुमार) की अगुवाई में प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पहुंचे। प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में मौजूद महापौर अशोक तिवारी और कार्यालय प्रभारी शिवशरण पाठक ने पत्रकारों का ज्ञापन स्वीकार कर उसे पीएमओ को भेजने का आश्वासन दिया।


ज्ञापन में न्यूज क्लिक तथा देश में अलग-अलग घटनाओं में समाचार माध्यमों से जुड़े पत्रकारों के दमन व उत्पीड़न की घटनाओं की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों से मीडिया जिसे लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में माना जाता है, उसे कमजोर करने की कोशिश जारी है। पत्रकारों के उत्पीड़न की घटनाएं अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार है। काशी के पत्रकारों का स्पष्ट मानना है कि पत्रकारिता की आड़ में किसी व्यक्ति अथवा संस्था को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं दी जा सकती। लेकिन यह भी उचित नहीं कि सरकार और उसकी नीतियों की आलोचनात्मक अथवा जन अधिकारों से संबंधित खबरें प्रसारित व प्रचारित करने पर किसी पत्रकार अथवा मीडिया हाउस को देश विरोधी मान लिया जाए।

ज्ञापन में आगे कहा गया कि काशी के पत्रकार संगठन आपसे मांग करते हैं कि न्यूज क्लिक समेत पूर्व के सभी मामलों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच कराई जाए। अगर कोई पत्रकार अथवा मीडिया हाउस दोषी पाया जाए तो उसके खिलाफ निश्चित तौर पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाए। परन्तु ईडी या पुलिस जैसी एजेंसियों की छापामारी के जरिये पत्रकारों और मीडिया हाउसों को डराने-धमकाने की कार्रवाई तत्काल बंद की जाए। यह न सिर्फ पत्रकारिता बल्कि लोकतंत्र और देश हित में है।


जुलूस में सर्वश्री विनय शंकर सिंह (मंत्री, वाराणसी प्रेस क्लब) चंदन रूपानी (पूर्व अध्यक्ष, वाराणसी प्रेस क्लब), जय नारायण मिश्र, ए.के. लारी, कैलाश यादव, राजेश राय, अरुण कुमार सिंह, मो. जावेद, शैलेष चौरसिया, विमलेश कुमार चतुर्वेदी, शिवदत्त, विजय शंकर गुप्ता (बच्चा), आशुतोष पांडेय, सुरेश गांधी, संतोष चौरसिया, अभिषेक सिंह, राणा जय सिंह, निलाम्बुज तिवारी, विजय विनीत, नागेश्वर सिंह, शैलेन्द्र सिंह पिंटू, गजेन्द्र सिंह, रामजी पाण्डेय, अनुराग जायसवाल, नीलाम्बर त्रिपाठी, संजय गुप्ता, विजय शंकर चौबे, इंद्र बहादुर सिंह, जनमेजय सिंह, विकास दत्त मिश्र, अमित वर्मा, देवेंद्र सिंह, नित्यानन्द चौबे, अमित चौहान, जयंत सिंह, दीपक सिंह, गुड्डू हाशमी, मेराज अहमद, राहुल सोनी सहित अन्य पत्रकार उपस्थित रहे। 

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