ज्ञानवापी से जुड़े दो मामलों की सुनवाई आज

Update: 2022-10-15 06:09 GMT

गौरव मारुति शर्मा 

Court decision on Gyanvapi: ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े दो मुकदमों की सुनवाई आज वाराणसी की दो अलग-अलग कोर्ट में होगी। पहला मुकदमा, भगवान श्री आदि विश्वेश्वर विराजमान की ओर से है। इस केस की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन महेंद्र प्रसाद पांडेय की फास्ट ट्रैक करेगी। इस केस में ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई है। दूसरा केस, ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं पर मुकदमे की मांग को लेकर है। इस केस की सुनवाई एसीजेएम 5th उज्ज्वल उपाध्याय की कोर्ट करेगी।

हिंदू पक्ष जारी रखेगा अपनी दलीलें

भगवान श्री आदि विश्वेश्वर विराजमान का मुकदमा किरन सिंह विसेन और दो अन्य ने 24 मई 2022 को फाइल किया था। इस मुकदमें में मांग की गई है कि ज्ञानवापी परिसर में मुस्लिम पक्ष का प्रवेश प्रतिबंधित किया जाए। ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपा जाए। ज्ञानवापी परिसर में मिले आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग की नियमित पूजा-पाठ, शृंगार और राग-भोग का अधिकार दिया जाए। इस केस में UP सरकार, वाराणसी के डीएम व पुलिस कमिश्नर, अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है।

मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पेश कर स्पष्ट कर चुका है कि यह मुकदमा सुनवाई योग्य नहीं है और इसे खारिज कर दिया जाए। ज्ञानवापी वक्फ की संपत्ति है और यहां द प्लेसेस ऑफ वर्शिप (स्पेशल प्रॉविजंस) एक्ट, 1991 लागू होता है। सिविल कोर्ट को इस मामले में सुनवाई का अधिकार ही नहीं है। वहीं, हिंदू पक्ष का कहना है कि मुकदमा सुनवाई योग्य है। मस्जिद वक्फ की प्रॉपटी है या नहीं है, यह तय करने का अधिकार सिविल कोर्ट को है। ज्ञानवापी देवता की संपत्ति है। कानून के अनुसार देवता नाबालिग हैं। इसलिए उनके हित की रक्षा के लिए उनका वाद मित्र बन कर किरन सिंह सहित तीन लोगों ने केस फाइल किया है। मुकदमा सुनवाई योग्य क्यों है, इसे लेकर हिंदू पक्ष आज भी कोर्ट में अपनी दलील पेश करेगा। उसके बाद कोर्ट मुकदमे की सुनवाई के संबंध में अपना आदेश सुनाएगी।

बहस पूरी होने के बाद आदेश सुरक्षित है

सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। एडवोकेट के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिला है। पूज्य शिवलिंग जहां मिला है वहां हाथ-पैर धोए जाने, खखार कर थूकने और गंदा पानी बहाने से असंख्य सनातन धर्मियों का मन पीड़ा से भरा है। आरोपियों ने साजिश के तहत स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कह कर सनातन धर्मियों की आस्था पर कुठाराघात और आमजन में विद्वेष फैलाने का काम किया। इसके अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो तो वही भगवान और शिवलिंग है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के खिलाफ लगातार अपमानजनक बात कह रहे हैं। इन नेताओं की बातें जन भावनाओं के खिलाफ हैं। इस पूरे प्रकरण की साजिश में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा भी शामिल हैं। इन सभी के आचरण से हिंदू समाज मर्माहत है। इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जाए। इस प्रकरण में दोनों पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है। अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर की डेट फिक्स की थी।

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