ISIS से लॉकडाउन के दौरान जुड़ा था बासित! अब एनआईए रिमांड से निकलेंगे कई बड़े राज...

Update: 2022-10-20 05:12 GMT

आतंकी संगठन ISIS के वॉयस ऑफ हिंद मॉड्यूल के लिए मुस्लिम युवाओं को भर्ती कराने के आरोप में वाराणसी के खजुरी इलाके से गिरफ्तार 12वीं पास बासित कलाम सिद्दीकी एक होनहार स्टूडेंट था। पिता अब्दुल कलाम सिद्दीकी अच्छे हैचरी कारोबारी होने के कारण उसकी पढ़ाई-लिखाई में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रखे थे। इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाला बासित वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ISIS की विचारधारा से प्रभावित हुआ। ऑनलाइन माध्यम से ही वह ISIS के बारे में 3 महीने तक गहन अध्ययन किया और फिर उसने उससे जुड़ने का निर्णय लिया।

ISIS की विचारधारा को फॉलो करने के दौरान ही वह अतिवादी इस्लामी आंदोलन यानी वहाबी आंदोलन से भी प्रभावित हुआ। गैर इस्लामिक रीति-रिवाजों से वह नफरत करने लगा था। वह खुद को अहले-हदीस भी कहता था। बासित का टारगेट हिंदू धर्मस्थलों पर हमला करने के साथ ही गजवा-ए-हिंद को बढ़ावा देना था। माना जा रहा है कि कस्टडी रिमांड में जब बासित से NIA पूछताछ करेगी तो वाराणसी से लगायत पूर्वांचल भर में उसके नेटवर्क की थाह लग पाएगी। फिलहाल आज बासित को नई दिल्ली स्थित NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा।

डेढ़ साल से बासित पर थी NIA की नजर

बासित कलाम सिद्दीकी का तीन मंजिला आलीशान घर वाराणसी में मकबूल आलम रोड स्थित खजुरी इलाके में है। बासित की गतिविधियों पर NIA की नजर बीते डेढ़ साल से थी। NIA द्वारा 29 जून 2021 को एक मुकदमा दर्ज किया गया था। उसी दौरान तफ्तीश के दौरान यह सामने आया था कि बासित कलाम सिद्दीकी भारत में ISIS की ओर से कट्टरपंथी युवाओं की भर्ती में सक्रिय रूप से शामिल था। NIA द्वारा वॉयस ऑफ हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने और आईएसजेके के आमिर उमर निसार उर्फ ​​कासिम खुरासानी समेत 6 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद रणनीति के तहत एक नई ऑनलाइन पत्रिका वॉयस ऑफ खुरासान के जरिए ISIS के ऑनलाइन प्रचार को बढ़ावा दिया जा रहा था।

पाकिस्तान और बांग्लादेश से होता है प्रकाशन

फरवरी 2020 में ISIS समर्थित मीडिया संगठन अल किताल मीडिया सेंटर और जुंडुल खलीफा अल हिंद ने वॉयस ऑफ हिंद को शुरू किया था। NIA ने उस दौरान कहा था कि ISIS समर्थित इस पत्रिका का प्रकाशन पाकिस्तान और बांग्लादेश से कॉल सेंटर के जैसे दफ्तर से किया जा रहा है। पत्रिका के प्रकाशन के लिए पढ़े-लिखे युवा और अनुवादक रखे गए हैं। वॉयस ऑफ हिंद को इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत के प्रसार के तौर पर देखा जाता है। उसके हिसाब से खुरासान प्रांत की सीमाएं भारत तक फैली हुई हैं। भारत में गजवा-ए-हिंद के कांसेप्ट को भी इस पत्रिका के सहारे बढ़ावा दिया जाता है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, पत्रिका के अलग-अलग संस्करणों में भारतीय सेना पर हमला करने, दिल्ली के सीएए विरोधी दंगों का बदला लेना, भारतीय मुसलमानों को कोरोना वायरस कैरिअर बनने और हिंदू धर्मस्थलों पर हमले जैसी बातें कही गई थी।

घर पर सन्नाटा, पिता और भाई से पूछताछ


 



बासित की गिरफ्तारी के बाद NIA के साथ ही वाराणसी कमिश्ररेट की पुलिस ने उसके पिता और भाई से भी घंटों अलग-अलग पूछताछ की। फिलहाल दोनों को छोड़ दिया गया है लेकिन उन्हें शहर छोड़ कर बाहर जाने से मना किया गया है। कहा गया है कि वह पुलिस का सहयोग करेंगे। वहीं, बासित की गिरफ्तारी के बाद उसके आलीशान मकान में सन्नाटा छाया हुआ है और इलाके के लोगों की जुबान पर एक ही बात है कि इतना सीधा-सादा लड़का आखिर ऐसा गलत रास्ता क्यों चुन लिया...?

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