ज्ञानवापी मामले में आया नया मोड़! जितेंद्र सिंह बिसेन का ऐलान पॉवर ऑफ अटॉर्नी मुख्यमंत्री को सौंपेंगे...

ज्ञानवापी मामले में आया नया मोड़! जितेंद्र सिंह बिसेन का ऐलान पॉवर ऑफ अटॉर्नी मुख्यमंत्री को सौंपेंगे...

Update: 2022-10-29 07:59 GMT

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर से संबंधित वह सभी मुकदमे जो विश्व वैदिक सनातन संघ के द्वारा संचालित हैं, उनकी पावर ऑफ अटॉर्नी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपी जाएगी। यह जानकारी शनिवार को विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह विसेन ने दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में समस्त कानूनी कार्रवाई आगामी 15 नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी।

5 मुकदमों का संचालन हम कर रहे हैं

जितेंद्र सिंह विसेन ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर से संबंधित लगभग सभी मुकदमे हमारे द्वारा ही फाइल किए गए थे। मगर, वर्तमान समय में केवल 5 मुकदमों का ही हम संचालन कर रहे हैं। इसमें मां श्रृंगार गौरी केस, भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के अलावा तीन अन्य मुकदमे हैं। इन सभी पांचों मुकदमों की पॉवर ऑफ अटॉर्नी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विधिसम्मत तरीके से सौंपी जाएगी।

क्या होती है पॉवर ऑफ अटॉर्नी?

पावर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) सामान्य शब्दों में एक कानूनी व्यवस्था है, जो एक व्यक्ति को दूसरे की ओर से कार्य करने की अनुमति देती है। कानून के अनुसार, यह एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है। यह किसी व्यक्ति को उसकी अनुपस्थिति में उसकी संपत्ति, चिकित्सा मामलों और वित्त का प्रबंधन करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को नियुक्त करने की अनुमति देता है। अधिकृत व्यक्ति को एजेंट या पावर ऑफ अटॉर्नी एजेंट कहा जाता है। नियमों और शर्तों के आधार पर अधिकृत एजेंट के पास संपत्ति, चिकित्सा मामलों और वित्त से संबंधित कानूनी निर्णय लेने के लिए व्यापक या सीमित अधिकार हो सकते हैं। यह पावर ऑफ अटॉर्नी एक्ट, 1888 द्वारा शासित होता है।

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