वाराणसी समेत सूबे की राजधानी में ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ रहे लोग, स्थिति नाजुक

Update: 2021-04-14 07:31 GMT

उत्तर प्रदेश की राजधानी में कोरोना से चारो तरफ त्राहिमाम मचा हुआ है। सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी अस्पतालों तक की स्थितियां बेहद बदतर नजर आ रही हैं। सुविधाओं की बात बहुत दूर मरीजों से ठीक प्रकार से व्यवहार तक नहीं किया जा रहा है। इलाज की बात करें तो कोरोना से तो लोग मर ही रहे हैं, अब ऑक्सीजन की कमी से भी लोग दम तोड़ रहे हैं।

वहीं यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कोरोना पॉजिटिव पाए गये है, उन्होंने अपनी ट्विटर पर लिखा है कि अभी-अभी मेरी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉज़िटिव आई है। मैंने अपने आपको सबसे अलग कर लिया है व घर पर ही उपचार शुरू हो गया है। पिछले कुछ दिनों में जो लोग मेरे संपर्क में आये हैं, उन सबसे विनम्र आग्रह है कि वो भी जाँच करा लें। उन सभी से कुछ दिनों तक आइसोलेशन में रहने की विनती भी है।

ऑक्सीजन बेचने वाली कंपनियां सिर्फ मुनाफ़ा बनाने में जुटी हुई हैं। उन्हें आमजनता की जान से कोई लेना देना नहीं है। और उनके इस कारनामें पर सहयोग मिल रहा है राजधानी के भ्रष्ट तंत्र का। लोग ऑक्सीजन की किल्लत से मर रहे हैं, लेकिन बिचौलिए और मुनाफाखोर अपना मुनाफ़ा बनाने में जुटे हुए हैं। एक शब्द में कहें तो लखनऊ की स्थितियां बेहद गंभीर एवं चिंता जनक हैं।

आपको बताते चलें कि, लखनऊ में ऑक्सीजन की भारी किल्लत होने की खबरें निकलकर सामने आ रही हैं। यहां के अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है। जितनी ऑक्सीजन की आवश्यकता है उसके मुताबिक आधी ही सप्लाई हो रही है। सूचना के अनुसार, लखनऊ के ऑक्सीजन प्लांट में आपूर्ति घटी है। जिसके चलते कोरोना मरीजों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।

सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन का भारी संकट है। राजधानी लखनऊ के अलावा अन्य महानगरों की स्थिति पर नजर डालें तो प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी ऑक्सीजन का भारी संकट है। पीएम के संसदीय क्षेत्र में जांच और ऑक्सीजन दोनों बाधित है। जो कि बहुत ही चिंताजनक हैं। इसके अलावा कानपुर और प्रयागराज में भी हालात बिगड़े हैं। सभी प्रभावित शहरों में ऑक्सीजन की भारी किल्लत देखी जा रही है।


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