वाराणसी में भाजपा युवा मोर्चा का जिलाध्यक्ष करता था शराब की तस्करी
अब पार्टी ने भी भाजपा युवा मोर्चा वाराणसी जिलाध्यक्ष संजय गुप्ता को पद से मुक्त कर दिया है.
एक ओर पीएम मोदी कोरोना महामारी से लड़ने के लिए देशवासियों को लॉक डाउन का पालन करने की अपील कर रहें हैं तो उन्ही के पार्टी के नेता वाराणसी में शराब तस्करी में संलिप्त पाए जा रहें हैं. हैरान करने वाली ये घटना वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र की है. बनारस में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष का नाम शराब तस्करी के संचालक के तौर पर से जुड़ गया, क्योंकि जिलाध्यक्ष का छोटा भाई शराब तस्करी करते पकड़ा गया और पूछताछ में युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष का नाम सामने आ गया. अब पार्टी ने भी भाजपा युवा मोर्चा वाराणसी जिलाध्यक्ष संजय गुप्ता को पद से मुक्त कर दिया है.
हैरान कर देने वाली घटना वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र के संदहा तिराहे के पास 26 अप्रेल की शाम की रिंगरोड की है. जिस वक्त लॉकडाउन के चलते पुलिस कर्मी संदहा तिराहे पर चेकिंग कर रहें थे. तभी गाजीपुर से एक मारुति 800 कार संदिग्ध रुप से आते नजर आई. रोके जाने पर कार रुकने के बजाए भगा दी गई. जिस पर मोटरसाईकिल से पीछा करने पर कार कुछ दूर आगे जाकर रिंग रोड से सर्विस रोड पर उतर गई जिसमें से एक व्यक्ति भाग निकला जबकि पकड़े दोनों ने अपना नाम अरूण पाल उर्फ बबलू पाल और संतोष गुप्ता के तौर पर बताया.
पुलिस ने पकड़ी गई कार से 12 पेटी देसी शराब की बरामद की हैं.पूछताछ में भागने वाले शराब तस्कर का नाम अरविंद पांडेय के रूप में हुआ है. पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके अवैध शराब कब्जे में ले लिया. एएसपी अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि तस्करी के मुख्य संचालक संजय गुप्ता पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी. फिलहाल दो लोगों को मौके से पकड़ा गया है.
गौरतलब है कि जिस संजय गुप्ता को पुलिस मुख्य शराब तस्कर गिरोह का संचलाक बता रही है और पुलिस की प्रेस विज्ञप्ती में भी जिसका नाम है, वो संजय गुप्ता वर्तमान में वाराणसी भाजपा युवा मोर्चा का जिलाध्यक्ष था. सोमवार को पार्टी ने एक पत्र जारी करके लॉक डाउन का उल्लंघन और संगठन मानदंडों के प्रतिकूल कृत्य करने के आरोप में उसे पद से हटा दिया है.
वहीं, बीजेपी काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि पिछले कुछ दिनों से संजय गुप्ता की शिकायत आ रही थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पद से हटा दिया गया है. बताया गया है कि मौके से पकड़ा गया संतोष गुप्ता, संजय गुप्ता का सगा छोटा भाई है.
उधर, इस मामले में वाराणसी के जिला आबकारी अधिकारी करुणेंद्र सिंह ने बताया कि बरामद शराब की जांच आबकारी विभाग कर रहा है कि वह कहां की शराब है. बरामद की गई शराब की कीमत 35 हजार रुपये बताई जा रही है.