इस युवा आईपीएस की कविता "मैं खाकी हूँ"तेजी से हो रही है वायरल ,आप भी सुनिए

Update: 2020-04-08 07:43 GMT

शशांक मिश्रा

एक तरफ जहां संपूर्ण विश्व वैश्विक महामारी को कोरोना से जूझ रहा है और विश्व मे रोकथाम को युद्धस्तर पर जंग छिड़ी हुई है! भारत में 21 दिन लॉक डाउन चल रहा है ऐसे में पुलिस पर काफी दबाव है पुलिस ना सिर्फ लॉकडाउन का अनुपालन कराने में जी-जान से जुटी है बल्कि गरीब ,असहाय ,पीड़ित और मजदूर तबके के लोगों को राशन सामग्री और दो वक्त की रोटी उपलब्ध कराने में दिन रात एक किए हुए हैं.

इन सबके बीच एक कविता पुलिस पर आधारित"" मैं खाकी हूं "" शीर्षक से यह कविता काफी लोकप्रिय हो गई है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो रही है इस कविता में विषम से विषम परिस्थितियों में पुलिस वालों के अदम्य साहस और उससे भी बढ़कर सेवा भाव को समर्पित यह कविता व्याख्या दित कर रही है .

इस कविता के रचयिता प्रयागराज में ASP रहे और वर्तमान में वाराणसी में बतौर एसपी सुरक्षा की ड्यूटी पर तैनात युवा आईपीएस सुकृति माधव मिश्रा हैं. उनकी यह कविता इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है और तेजी से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही है.

  आईपीएस सुकृति माधव मिश्र की कविता "'मैं खाकी हूं ""को हाल ही में महाराष्ट्र के नासिक शहर के पुलिस कमिश्नर विश्वास नागरे पाटिल ने अपने स्वर में गाकर काफी लोकप्रिय बना दिया है जो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है!




 



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