वाराणसी कचहरी में हुए ब्लास्ट की 15वी बरसी आज! अधिवक्ता बोले - सुरक्षा के मुक्कमल इंतजाम नहीं...

वाराणसी कचहरी में हुए ब्लास्ट की 15वी बरसी आज! अधिवक्ता बोले - सुरक्षा के मुक्कमल इंतजाम नहीं...

Update: 2022-11-23 07:06 GMT

वाराणसी के कचहरी परिसर में आज अधिवक्ताओं ने कचहरी बम ब्लास्ट की बरसी पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया। वकीलों ने 23 नवंबर 2007 के दिन हुए कचहरी में ब्लास्ट वाले दिन को याद करते हुए एक काला दिन करार दिया। उस बम ब्लास्ट में खोए हुए अपने साथियों को आज कचहरी में वकीलों ने श्रद्धांजलि अर्पित किया।

23 नवंबर 2007 को जब हिल गया था कचहरी परिसर

वाराणसी के कैंट थाना अंतर्गत वाराणसी का कचहरी परिसर स्थित है कचहरी में चहल-पहल थी वकील और मुवाकिल अपने अपने काम में व्यस्त थे। तभी अचानक दोपहर में

सिविल व कलक्ट्रेट के दो स्थानों पर तेज धमाका हुआ। चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। मौके पर ही तीन अधिवक्ता समेत नौ लोगों की दुखद मौत हो गई थी। मरने वाले लोगों के चिथड़े उड़ गए थे। 50 से अधिक लोग इस बम ब्लास्ट में गंभीर रूप से घायल हुए थे। आज इस घटना की 15वीं बरसी है। इसके विरोध में आज वाराणसी कचहरी में अधिवक्ता कार्य नहीं करेंगे।सेंट्रल बार एसोसिएशन और दी बनारस बार एसोसिएशन ने यह घोषणा की है। अधिवक्ताओं का कहना है कि "सरकार पर सरकार बदलती चली गई लेकिन किसी ने कचहरी परिसर की मुकम्मल सुरक्षा व्यवस्था के लिए कुछ भी नहीं किया"।


इस बारे में जब हमारे संवाददाता ने कचहरी परिसर में अधिवक्ता नित्यानंद राय से बातचीत किया तो उन्होंने बताया कि वाराणसी के कचहरी में किसने ब्लास्ट कराया था यह आज तक हम लोग नहीं जानते हैं इस घटना के दोषी कौन लोग हैं उन्हें क्या दंड दिया गया है इसके बारे में भी हमें कुछ नहीं पता है। इतना ही नहीं इतने बड़े बम ब्लास्ट के बावजूद अप्रैल 2016 में कचहरी परिसर में हैंडग्रेनेड मिलना और फरवरी 2018 में असामाजिक तत्वों द्वारा सीजेएम गेट पर सुतली बम रखा जाना बताता है कि कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था के लिए कोई भी ठोस व्यवस्था नहीं की गई है। उक्त घटना है कि शासन-प्रशासन के स्पष्ट लापरवाही उजागर करती है। आज इस दुखद घटना की 15वीं बरसी है। हमने अपने खोए हुए साथियों के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और उन्हें विनम्र आंखों से श्रद्धांजलि दी। हम सभी आज विरोध स्वरूप कचहरी परिसर में कोई कार्य नहीं करेंगे। हमारी सरकार से मांग है कि कचहरी परिसर का जल्द से जल्द सुरक्षा व्यवस्था मुकम्मल किया जाए।

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