वाराणसी में "कोल्ड चैन मैनेजमेंट" पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न! वैक्सीन के रखरखाव के बारे में दी गई जानकारी....
वाराणसी में "कोल्ड चैन मैनेजमेंट" पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न! वैक्सीन के रखरखाव के बारे में दी गई जानकारी....
किसी भी वैक्सीन या महत्वपूर्ण दवाइयों को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड चैन मैनेजमेंट की भूमिका बड़ी ही अहम होती है। कोरोना की लड़ाई में जो टीकाकरण अभियान चल रहा है उसमें कोल्ड स्टोरेज मैनेजमेंट ने बहुत ही उत्कृष्ट भूमिका निभाई है। आज वाराणसी में दुर्गाकुंड स्थित सीएमओ कार्यालय में कोल्ड चैन मैनेजमेंट के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों व ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सभी कोल्ड चैन हैंडलर्स को कोल्ड चैन पॉइंट में वैक्सीन के रखरखाव, ई-विन पोर्टल, तापमान नियंत्रण, निगरानी, आईएलआर, डीप फ्रीजर, वैक्सीन वायल मॉनिटर, ओपन वायल पॉलिसी सहित अन्य के बारे में प्रशिक्षित किया गया है।
सीएमओ वाराणसी डॉक्टर संदीप चौधरी के नेतृत्व में यह कार्यक्रम डॉक्टर निकुंज कुमार वर्मा और डॉक्टर ए.के पांडे ने पूरा किया। डॉ निकुंज ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य कोल्ड चैन हेंडलर्स को आईस लाइन रेफ्रीजरेटर (आईएलआर), डीप फ्रीजर, डी फ़्रोस्टर आदि के रखरखाव व प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित करना व नियमित दस्तावेज़ और पोर्टल पर अंकित करना है। वैक्सीन को व्यवस्थित और सुरक्षित रखने में कोल्ड चैन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसका संचालन करने वालों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है । वैक्सीन को जिस तापमान की जरूरत है, उस तापमान पर रखा जाए और इसकी निरंतर निगरानी की जाए । साथ ही वैक्सीन को जितने समय तक सुरक्षित रखना है, उसे उसी अनुसार व्यवस्थित करने की जरूरत है । जो वैक्सीन क्षेत्र में भेजा जा रहा है, उसे आइसपैक करके वैक्सीन कैरियर में भेजा जाए। यूएनडीपी के डॉ आशुतोष मिश्रा ने ई विन एडवांस पोर्टल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि आईएलआर का तापमान 2 से 8 डिग्री सेल्सियस रखा जाना चाहिए । डीप फ्रीजर का तापमान माइनस 15 से 25 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।