Shiv Kumar Mishra

Shiv Kumar Mishra

पिछड़ी हुई हिंदी आलोचना बनाम हिंदी वैचारिकी

पिछड़ी हुई हिंदी आलोचना बनाम हिंदी वैचारिकी

यह बात पहले भी कही जाती रही है कि हिंदी आलोचना की स्थिति दयनीय है। लेकिन इस आरोप का दायरा रचनात्मक साहित्य की अच्छी समीक्षाएं नहीं आने तक ही सीमित रहा है। प्रमोद रंजन अपने इस आलेख में बताते हैं कि किस...

22 March 2024 3:05 PM IST