- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
Archived
मालदा पर चुप रहने बालों को राम मंदिर पर बोलने का अधिकार नहीं - राकेश सिन्हा
Special News Coverage
9 Jan 2016 12:25 PM GMT
नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के राकेश सिन्हा ने अपने ट्विट पर लिखा कि भारत में राम मंदिर का विरोध अब समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी बंद कर दिया है। अभी हाल में बिजनौर से राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त ओमपाल नेहरा ने देश में राम मंदिर निर्माण की बात कही तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया। इसी तरह कल सपा के मुस्लिम चेहरा के रूप में बुक्कल नवाव का कहना की राम मंदिर के निर्माण में में 10 लाख रुपया और सोने का मुकुट दूंगा सनसनी फ़ैल गयी है सपा में, अब सपा सुप्रीमो किस किस को निकालेंगे। मालदा पर चुप रहने बालों को राम मंदिर पर बोलने का अधिकार नहीं है।
इसे भी पढ़ें यूपी के मंत्री को राम मंदिर बनबाना पड़ा भारी, पद से हटाये गये
ओमपाल नेहरा के बाद बुक्कल नवाब भगवान राम मंदिर निर्माण के समर्थन में आये;मुलायम सिंह किस किस को पार्टी से निकालेंगे!कहीं अकेले न रह जाये
— Dr Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) January 8, 2016
इसे भी पढ़ें में मुस्लिम हूँ लेकिन राम मंदिर का निर्माण अयोध्या में चाहता हूँ – बुक्कल नवाब
सिन्हा ने लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर पर सेमिनार का विरोध अलोकतांत्रिक और फासीवादी मानसिकता का प्रतीक है। राम मंदिर का विरोध करना देश के लिए हितकर नहीं है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर पर सेमिनार का विरोध अलोकतांत्रिक और फासीवादी मानसिकता का प्रतीक है।
— Dr Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) January 9, 2016
इसे भी पढ़ें सुब्रमण्यम स्वामी का दावा- इस साल के आखिर में बनना शुरू हो जाएगा राम मंदिर
सिन्हा ने लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर पर सेमिनार न्यायालय से बाहर मंदिर निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। इस प्रयास के साथी बन राम मंदिर में अपनी सकरात्मक भूमिका निभाएं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में राम मंदिर पर सेमिनार न्यायालय से बाहर मंदिर निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।
— Dr Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) January 9, 2016
इसे भी पढ़ें मालदा के बाद बिहार के पूर्णिया में मुस्लिम संगठन ने जुलूस के दौरान थाने में तोड़फोड़ की
राकेश ने लिखा कि जो लोग मालदा और पूर्णिया की घटना पर सड़क पर नहीं उतर सकते है उन्हें राम मंदिर के विरोध में आगे नहीं आना चाहिए। यह है वमपंथ और कॉंग्रेस की कलुष कथा का परिचायक है।
जो लोग मालदा की घटना पर सड़क पर नही उतरे वे राम मंदिर के सेमिनार करने सड़क पर आ रहे हैं। यह है वमपंथ और कॉंग्रेस की कलुष कथा।
— Dr Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) January 9, 2016
Special News Coverage
Next Story