ज़िन्दगी
ज़िन्दगी को करीब से देखा तो जाना,
केवल जी लेना भी तो जिंदगी नहीं है..
वो मौत से सारी ज़िन्दगी घबराते रहे,
मौत से ज्यादा सुकूँ ज़िन्दगी में नहीं है..
हमने उन्हें हर बार रोकना तो चाहा,
उन्हें अब चले जाने की मनाही नहीं है..
जो ज़िन्दगी के दर्द थे वो सब ले गए,
अब मौत से भी कोई दुश्मनी नहीं है..
- अरुण मिश्रा, पत्रकार