बीजेपी ही नहीं कांग्रेस भी अब मुस्लिमों को नहीं दे रही उचित प्रतिनिधित्व, पढिए पूरी बात
Not only BJP, even Congress is not giving proper representation to Muslims, read the whole thing.
आप लोगों को याद होगा कि तेलंगाना के चुनाव में मुसलमानों ने खुलकर कांग्रेस का समर्थन किया था। पूरे बहुमत के साथ कांग्रेस ने राज्य के बनने के बाद से पहली बार वहां सरकार का गठन किया है। जब रेवंथ रेड्डी सरकार का शपथ ग्रहण चल रहा था तो उसमें मुस्लिम भागीदारी न होने को लेकर कांग्रेस सरकार की कड़ी आलोचना हुई थी।
तब यह कहा जा रहा था आगामी दिनों में कांग्रेस किसी बड़े मुस्लिम नेता को विधान परिषद के द्वारा मंत्रिमंडल में शामिल करेगी। फिलहाल के समय में विधान परिषद की दो सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है और खास बात यह है कि कांग्रेस ने उम्मीदवारों में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को जगह नहीं दी है।
देखिए सीधी सी बात है चुनाव समुदाय के प्रति चुनावी मैसेज के हिसाब से तय होते हैं। अगर एकदम लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ऐसा मैसेज प्रदेश में देगी कि हम मुस्लिम राजनीतिक हिस्सेदारी को तर्क कर रहे हैं तो शायद मुसलमान दूसरी पार्टियों की तरफ रुख करेगा।
लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा फैसला कांग्रेस के लिए आत्मघाती साबित होगा जिसका असर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में व्यापक तौर पर होगा।
बाकी फैसला कांग्रेस के हाथ में है कि उसे आबादी के हिसाब से हिस्सेदारी की बातों को केवल चुनावी मंचों तक सीमित रखना है अथवा जमीनी स्तर पर उसको लागू भी करना है। फिल्हाल जिसमें अभी तक वह बुरी तरीके से फेल साबित हुई है।