मोहम्मद हफीज (जयपुर) : इस संसार में परम पिता परमात्मा ईश्वर ने इस सुन्दर संसार की रचना की है इस संसार में ईश्वर ने अनगिनत मनुष्य के फायदे की वस्तुएं बनाई है जिनको मनुष्य गिनती करना चाहें तो गिन नहीं सकता?
इस संसार में ईश्वर की बनाई रचनाओं में सर्वश्रेष्ठ कृति मनुष्य की रचना है. इस संसार कायनात में मनुष्य सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का हीरो हैं जिसको ईश्वर ने समझ बूझ अक्ल के साथ पैदा किया है. इस संसार में जीव जंतु चरिन्द परिन्दे दरख़्त सब ख़ामोश है. सिर्फ इंसान को ही ईश्वर ने बोलना सिखाया है. जानवरों में बहुत सी कमी होती है पर जानवरों में एक कमी नहीं होती जानवर जेसा अन्दर से होता है वैसा ही बाहर से दिखाई देता है.
जानवर अंदर से कुछ और बाहर से कुछ अलग नहीं दिखाई देता है. जानवर अपने रुप से किसी को धोखा नहीं दे सकता! इंसान किसी को भी अपने रुप से धोका दे सकता है. इंसान को ईश्वर ने समझ अक्ल दी है जिससे वह किसी को भी धोका दे सकता है. इंसान अंदर से कुछ और होता है बाहर से कुछ और दिखाई देता है रुप बदलती इस दुनिया में साधूं के भेष में बलात्कारी निर्लज्ज आशाराम बापू भी है. जो समाज को अपने बाहरी वेशभूषा से ठगी कर जनता के विश्वास को छलने का काम करता है.
इसी क्रम में संत राम रहीम स्वामी चिन्मयानंद का उदाहरण हमारे सामने है इस संसार की रचना करने वाले ईश्वर परमात्मा ने इस सुन्दर संसार में सभी जीव जंतु चरिन्द परिन्दे पेड़ पैधों मनुष्य के जीवन जीने की आदर्श परिस्थितियों को धरती पर बनाए रखने के लिए पर्यावरण को बनाए रखने के लिए सभी के लिए संतुलन कायम रखा है. परन्तु मनुष्य ही एक मात्र ऐसा प्राणी है जो प्रकृति के विरुद्ध अपने आचरण से बग़ावत करता रहता है. ईश्वर ने अपने द्वारा बनाई जीवन जीने की आदर्श शेली को ही धर्म कहा गया. जिसके प्रचार प्रसार के लिए ईश्वर ने धरती पर रहने वाली मानव जाति को समझाने के लिए अपने ईश दूत भेजें जिन्हें अवतार कहा जाता है.
संसार की रचना करने वाले ईश्वर को भी उद्दंड बदमाश मनुष्य को दंडित करने के लिए नरक का दंड विधान नरक भोगने का धर्म बनाना पडा क्योंकि ईश्वर को भी यह पता था थोड़ी सी धन दौलत और राज्य सत्ता पाकर इंसान ईश्वर और अपने आप को भूल जाएगा?
इस क्षण भंगुर जीवन में आदमी अंहकार सत्ता के मद में चूर होकर समाज में सत्य को नकारते हुए स्वेच्छाचारी बन जाएगा जो में कहूं वही सत्य है सब मेरी मानें सत्ता को सत्य मानने वाला अंहकारी फिर समाज में अभिव्यक्ति बोलने की आजादी को कुचलता है फिर अपने से असहमत लोगों के ईश्वर और विधिः प्रदत्त शांति से जीवन जीने के अधिकारों को तानाशाह बन कर कुचलने में लग जाता है चमचों चाटूकारों से घिरा मदांध तानाशाह बेगुनाह लोगों को अपनी निरंकुश राज्य सत्ता की ताकत से फिर जेल भेजने में लग जाता है सत्ता ही सत्य है सत्ता के परम सुख को भोगनें के लिए फिर मानव दानव बन जाता है परमार्थ के कारण साधूं का वेश धारण करने वाले भी फिर नफ़रत कटूता वेमनस्यता ध्वज धारण कर लेता है!
सत्य ही शिव है सत्य ही सनातन है और सत्य ही धर्म है इस धरती पर जितने भी ईश्वर के दूत अवतार आयें सभी के जीवन में सर्व प्रथम सत्य का भरपूर प्रकाश देखने को मिलता है जिससे अज्ञानता अहंकार लालच उंच नीच भेदभाव के अंधेरों से सम्पूर्ण मानव जाति को निकाल कर एक ईश्वर परमपिता की सर्वोच्च सत्ता से परिचित कराना और ईश्वर को तन मन धन से मनवाया जाना रहा है! ईश्वर अनंत है प्रेम है सत्य अजर अमर है था भी और रहेगा भी अनादि काल तक होंगा भी है भी और रहेगा भी बाकी तों सब नश्वर है मिटने के लिए हैं खुद आदमी के शरीर में जो आत्मा वो भी ईश्वर का ही अंश है इसलिए ही कहते हैं आत्मा सो परमात्मा है!
कोई भी व्यक्ति चाहे जो वेश धारण करले भगवा वस्त्र पहन ले साधू संत फकीर अंतर्यामी बन जाए परन्तु कुछ देर के लिए आंखें बंद कर अपनी आत्मा में झांकें आत्मा से सवाल करें की में क्या हूं आत्मा तुरंत बता देती है की तू कितना धोखेबाज पाखंडी बेईमान हैं क्योंकि आत्मा कभी झूठ नहीं बोलती हर व्यक्ति अपने आप को जानता है दूसरों से बेहतर ढंग से की वह कितना पानी में है
यंहा गोरतलब है कि धर्म एक ऐसा शब्द है जिसमे व्यक्ति के स्वयं के कल्याण से लेकर सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के जीव जंतु जीव धारियों के कल्याण का भाव छिपा है जिसके मूल में दया का भाव है ईश्वर दयालु और कृपालु है ईश्वर इस धरती पर रहने वाले बलात्कारी हत्यारे राक्षस नकली दवाइयां बेचने वालो को भी तत्काल उनके पापों के भारी बोझ के बावजूद दंडित नहीं करता क्योंकि ईश्वर दयालु है इसी प्रकार ईश्वर की बनाई धरती पापियों की बोझिल काया का बोझ उसे अपने उपर चलने देती सूरज चांद सितारे हवा पानी सभी का उप
योग नास्तिक पापी धार्मिक व्यक्ति समान रूप से करते हैं धर्म मानने से ज्यादा जानने का विषय है धर्म को जानने वाला व्यक्ति ही धर्म को धारण करता है जो एक पल भी सर्व शक्तिमान ईश्वर का बागी नहीं बनता और ईश्वर से डर कर सदेव अपने कर्म अपनी वाणी से किसी को कष्ट नहीं पहुंचाता है!
धर्म का चोला ओढ़कर किसी के मकान पर बुल डोजर नहीं चलाता लोग टूट जाते हैं एक मकान बनाने में वह नहीं थकता बस्तीया उजाड़ने में ईश्वर की भक्ति करने वाले भक्त की भक्ति के भाव अगर सच्चाई और शक्ति होती है तो भक्त में भी ईश्वर अंश नजर आते हैं सच्चा धार्मिक व्यक्ति भी फिर प्यार प्रेम से भर जाता है और तुच्छ लोगों की नफ़रत राग द्वेष घ्रणा से ऊपर उठकर संसारिक वस्तुओं मोह माया से बेपरवाह हो जाता है!
धर्म का आवरण ओढ़े धर्म का प्रदर्शन करने वाला व्यक्ति धर्म की आड में अपने कुकर्म छिपाने का प्रयास करता जिस तरह कुंभ के मैले में मरने वालों की मोतों की संख्या को छुपाया गया?
बदहवास हालत में चीखते चिल्लाते रोते बिलखते लोग अपने कुंभ की भगदड़ मरने वाले परिजनों की मृत शरीर को खोज रहें थे पर उनकी मदद करने के लिए सत्ता के नशे में चूर साधू संत से सत्ता का स्वादू बना मुख्यमंत्री का प्रशासनिक अमला ग़ायब था सिया राम मय सब जग जानी करहूं प्रणाम जोर जुग पानी गरीब को गणेश मान कर उसकी सेवा करने का भाव यू पी की भगवा सरकार में नहीं था!
लोगों की मदद करने के बजाय साधू की सरकार मृत लाशों को गंगा में बहाकर आपनी नाकामी को छुपाने में और मृतकों की संख्या को कम करने में लगी थी ऐसा दोहरा चरित्र दया और सत्य से खाली वह भी एक भगवा वस्त्र धारी साधू संत का निःशब्द है इसके आगे कुछ नहीं है
वी आई पी दर्शन और उसका टी वी पर महिमा मंडन करना दिन रात जारी था उसमें कोई कमी नहीं रही दया सत्य से दूर व्यक्ति मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की बात करें राम भक्त बने तो फिर सबसे बड़े राम भक्त तुलसीदास जी कहते हैं उसका भी कोई अर्थ है दया धर्म का नाम है मूल पाप अभिमान
तुलसी दया ना छोड़िए जब तक घट मे प्राण!
इसी प्रकार सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप जांके हृदय सांच है वांके हृदय राम दूसरी ओर रामायण में तुलसीदास जी ने कहा कि भगवान राम कहते हैं मोहें कपट छल छिद्र ना भावा निर्मल जन सोही मोहें पावा जब दुनिया के सारे धर्म सच बोलने की कहते हैं तों सवाल उठता है कि फिर झूठ कंहा से आया झूठ सत्ता और सत्ता का लालच बुलवाता है झूठ अपने पापों को छुपाने के लिए कपटी दुराचारी बोलते हैं ताकि उनके चेहरे से सदाचारी होने का नक़ाब नही उतरे झूठ का सहारा दोगले चरित्र के लोग लेते हैं ऐसे लोग अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और होते हैं इनका मकसद समाज और दुनिया को धोखा देना है इनमें साहस और नेतिकता का अभाव होता है इतिहास गवाह है गांधी जी ने सत्य के साथ प्रयोग करके सत्य को अपने जीवन में ढाला था सत्य ने गांधी जी की आत्मा को निडर बना दिया इतना निड़र की एक लंगोट धारी फकीर आततायी अत्याचारी विश्व की ताकतवर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अपने अंजाम से बे परवाह डट जाता है वर्ष 1931मेगांधीजी
गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए लंदन जाते हैं जंहा उन्हें मिलने के लिए ब्रिटिश राजा बुलाता है राजा से मिलने के लिए गांधी जी को प्रोटोकॉल के अनुरूप कोट पेंट पहन कर आने को कहा जाता है परन्तु गांधी जी अपने पहने हुए धोती लंगोट में ही मिलने पर अड जाते हैं आखिर में गांधी जी अपने उसी पहनावे में राजा से मिलते हैं बातों के दौरान ब्रिटिश राजा गांधी जी से कहता है कि अपने शरीर पर आप उचित कपड़े तो पहन लेते अच्छा होता इस पर गांधी जी ने राजा से कहा कि मेरे देश के गरीब लोगों के सारे कपड़े तो आपने पहन लिए उनको नंगा कर रखा है मैं कपड़े केसे पहनूं मेरा देश नंगा है!
यह बात कहने के लिए कलेजा चाहिए यह बात फर्जी 56इंच का सीना बने दश लाख रुपए का सूट पहननें वाला कोई झूठा नेता नहीं कह सकता?
आज सम्पूर्ण विश्व के साथ देश की जनता देख रही है दिल्ली और लखनऊ सरकारों में झूठ बोल कर देश दुनिया में एक छदम धर्म देश भक्ति का आवरण बनाया जा रहा है जिसके पीछे अपनी नाकामियों को छिपाया जा रहा है झूठ बोलकर समाज में नफ़रत का जहर घोला जा रहा है देश में झूठ बोल नफ़रत फेलाने की प्रतियोगिता चल रही है हरी ज़मीनों को लाल कर वोट बटोरने के लिए होड मची है देश में निर्लज्जता का काल चल रहा है भ्रष्टाचार का पर्याय बने उधोगपति अड़ानी को बचाने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के सामने छप्पनिया सीना बकरी बन गया है और देश वासी हाथों में हथकड़ी पांवों में बेड़ियां पहने जानवरों की भांति अमरीका से भारत भेजे जा रहे हैं चीन हमारी सीमा में घुस गया है पर मजाल है कि लाल पीली नीली आंखें कभी चीन की तरफ भी देखें!
देश में उस नाथूराम गोडसे को हीरो बताया जा रहा है जिसने कभी गोरे आका अंग्रेजों पर एक पत्थर नहीं फेंका और बूढ़े लाचार गांधी के शरीर को गोलियों से भून दिया मर्द का बच्चा होता तों अंग्रेजों पर वार करता! दुनिया के सभी झूठें मक्कार हुक्मरानों को सच्चाई से डर लगता है देश धर्म भक्ति का झूठा लबादा ओढ़े देश के नेताओं के मन में देश के गरीब और उनकी समस्याओं की चिंता से ज्यादा झूठ बोल कर उनके वोट बटोरने की है इसलिए देश में अंग्रेजी हुकूमत के वफादार मुगलों को देश में गद्दार अत्याचारी बताकर आज के अब्दुल से बदला ले रहे हैं उसका घर तोड रहे जबकि अकबर बादशाह की पत्नी जोधाबाई उसके सेनापति मानसिंह औरंगजेब के सेनापति राजा जयसिंह की वंशज को अपनी सरकार में उप मुख्यमंत्री बना रहे हैं ऐसा तभी संभव है जब नेतिकता सत्य के बिना राजनीति और दया विहीन लोग धर्म की बात करते हैं यह भी समय है निकल जाएगा आखिर तुलसी नर का क्या बडा समय बड़ी बलवान
भीलन लूटी गोपिका वहीं अर्जुन वहीं बाण
समाज देश आज के नेताओं का भी एक दिन मुंल्याकंन करेगा उनका भी इतिहास लिखा जाएगा आज के नेतागण विचार करें कि देश की जनता ने उन्हें ब हुमत से सत्ता पर बिठाया और आज के नेतागण देश देश की जनता को बदलें में दंगा कर्फ्यू नफ़रत जलते हुए घर उजड़ते गांव शहर बदहाल शिक्षा बेरोजगारी हिंसा और नफ़रत से भरें मानव बमदे रहें हैं एक बार विचार करें देश कंहा जा रहा है? रास्ते में चल रहे थे दिल में कई अरमान थे एक तरफ़ बस्ती थी एक तरफ़ श्मशान थे राह में पडी एक हड्डी पर पड़ा पैर तों हड्डी के बयान थे चलने वाले संभल कर चल हम भी कभी इंसान थे!