एक कहानी कभी लिखूंगी मैं

त्रासदियों पर लिखी कहानियाँ लोगों को सुक़ून तो नहीं देतीं मग़र

Update: 2021-07-28 02:51 GMT

एक कहानी कभी लिखूंगी मैं

हमारे असफल प्रेम पर ,

त्रासदियों पर लिखी कहानियाँ

लोगों को सुक़ून तो नहीं देतीं मग़र

उसमें अपना कुछ अनुभूत जरूर हो जाता है,

पर नहीं होंगी उसमें तेरी ग़लतियों पर आक्षेप

नहीं होंगी मेरे समर्पण पर दलीलें,

नहीं ढूंढी जाएंगी,असफ़ल प्रेम की वज़ह

बस जिस प्रेम को जिया,ख़ुद को जिस तरह पाया,

बस उस प्रेम की पावना में लिखना है मुझे,

तुम चाहे महसूस न कर पाए मग़र

मैंने हर एहसास को अंतिम सीमा तक महसूस किया

मेरे लिए इतना ही काफ़ी है...

- गुंजन

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