जे एन यू की हिंसा पर जवाबदेही से बचने के लिए मंत्रियों और समर्थकों का जत्था छात्रों को पढ़ने का लेक्चर दे रहा है
जे एन यू की हिंसा पर जवाबदेही से बचने के लिए मंत्रियों और समर्थकों का जत्था छात्रों को पढ़ने का लेक्चर दे रहा है। तो फिर सबसे पहले बीजेपी/ संघ ही ए बी वी पी को भंग कर दे। कहे कि छात्रों का काम पढ़ना है तो राजनीति के लिए संगठन की ज़रूरत नहीं रही। ये अभी पता चला हैं। तब पता नहीं चला जब ए बी वी पी बना रहे थे। अजीब दलील है।
वैसे जो छात्र पढ़ रहे हैं, नौकरी की परीक्षा दे रहे हैं उनके रिज़ल्ट का पता नहीं। इन्हीं की लड़ाई लड़कर देख लीजिए अगर पढ़ाई पर इतना फ़ोकस है तो। इसकी भी लड़ाई लड़ लीजिए कि स्कूल कालेज में टीचर नहीं हैं।
2019 के चुनाव को देखते हुए रेलवे की परीक्षा निकली।क्या आपको पता है उस परीक्षणों छात्र पास होकर घर बैठे हैं। अभी तक सभी को नियुक्ति पत्र नहीं मिला। जबकि उनमें से कई उनके ही वोटर हैं। हिन्दू मुस्लिम टॉपिक घोंट कर पी गए हैं फिर भी ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिल रहा है। क्या आपने आई टी सेल या ए बी वी पी को इनके लिए संघर्ष करते देखा है? सरकार आपकी है। रेल मंत्री आपके हैं तो अपने वोटर को नियुक्ति पत्र दिला दीजिए।