सुनों.. सुनों ना... रख लो अपने पास वो चांद, चांदनी...
रख लो वो सारे अरमां और वो सारे ख़्वाब भी..
सुनों..
सुनों ना...
रख लो
अपने पास
वो चांद,
चांदनी...
और वो
सितारों से भरा
आसमां भी
तुम ही रख लो...
रख लो
वो सारे
अरमां
और
वो सारे
ख़्वाब भी
अब
तुम ही रख लो...
रख लो
वो वादे,
दिलासे,
उम्मीद
और वो
सारी उमंगे,
इच्छाएं भी
तुम ही रख लो...
बस
छोड़ दो
मेरे लिए
मेरा मौन,
वो सन्नाटा
और एक
अंधेरा कोना...
रहने दो
मेरे पास
ये मेरे
आंसू
और
बहुत सारे
सवाल...
गर हो भी
इन सवालों के
के जवाब
तुम्हारे पास
तो वो
जवाब भी
अब
तुम ही रख लो...
और हाँ...
वो तुम्हारा
दिल भी
जो तुम
मेरे पास होना
बताते हो
वह दिल भी
तुम
अपने पास ही
सहेज कर
रख लो...
वो बेचैनी,
बेबसी,
बेकसी,
बेकरारी,
रहने दो
बस
मेरे पास...
किश्तों में
आती है मुझे
कुछ पल के लिए
जो नींद,
वो नींद भी
अब
तुम ही
रख लो...
वो लम्हे,
उनकी यादें
रहने दो
मेरे लिए
और तुम
सब भूल कर
सब खुशियां
अपने लिए
रख लो...
सुनो ना...
अब तुम
सो जाओ
लेकिन
उसके पहले
मुझ पर
बस एक
अहसान
और कर दो...
वो हर दिन
जो मेरा न था
वो हर रात
जो अब
मेरी नही रही
उन्हें अब तुम
सदा के लिए
अपने पास ही
रख लो...
सुनो...,
अच्छा....
रहने दो....
तुम....सो जाओ...