नरेन्द्र सिंह राणा
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जिस दिन यह घोषणा की कि इस वर्ष ''चैम्पियन आफ द अर्थ'' यानि धरती के विजेता का पुरस्कार भारत के लोकप्रिय यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया जाता है उसी दिन भारत का सम्मान विश्वभर की नजरों में और बढ़ गया। हम भारतीयों के लिए यह गौरव की बात है कि हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब महीपति बन गए हैं। भारतीय मनीषा ने राजा दशरथ को महि का राजा कह कर सम्बोधित किया है। राजा जनक के दूतों ने श्री अयोध्या जी जाकर राजा दशरथ से धनुष भंग तथा माता सीता व राम विवाह की पांती (पत्रिका) देकर कुछ बातें जो राजा दशरथ ने उन से पूछी वे कही। राजा ने पूछा श्रीराम चरितमानस की चैपाई ''जेहि दिन से मुनी गए लवाई-तब से आज साची सुधी पाई'' कहो जनक केहि विधि जाने-सुनी प्रिय बचन दूत मुस्काने'' राजा ने पूछा कहो जनक ने उन्हें 'राम लखन' को कैसे पहचाना। दूत कहने लगे ''सुनो महिपति मुकुटमणी तुम सम धन्य ने कोऊ-राम लखन जिनके तनय विश्व विभूषण दोऊ'' अर्थात हे राजन तुम्हारे समान दूसरा कोई धरती पर धन्य नही है जिसके राम-लखन जैसे सुपुत्र है जो विश्व के आभूषण है। ''पूछन योग्य न तनय तुम्हारे-पुरूष सिंह तिहुपुर के उजियारे'' यानि आपके पुत्र पूछने योग्य नहीं है वे तो तीनोे लोको को प्रकाशित करने वाले है। ''जिनके यश प्रताप के आगे शशि मलिन रवि शीतल लागे'' यानि उनके यश और प्रताप के सामने चन्द्रमा मलिन व सूर्य शीतल लगता है। ''पूछो नाथ केहि विधि चिन्हें'' देखऊ रवि की कर दीपक लिन्हें-अर्थात सूर्य को हाथ में दीपक लेकर भी कही देखा जा सकता है। वैसे ही आपके पुत्र भी है। ''सिया स्वयंम्बर भूप अनेका सिमटे सुभट एक ते एका'' शम्भू सरासन काहू न टारा-हारे सकल वीर बरिआरा'' तीन लोक में जो भटमानी-सबकी शक्ति शिव धनुभानी'' यानि माता जानकी के स्वयंम्बर में एक से एक राजा-देवता-राक्षस भी राजाओं के वेश में जुटे परन्तु भगवान शंकर के धनुष को कोई तोड़ना तो दूर अपनी जगह से हिला भी नहीं सका-तीनो लोकांे में जो अपने को शूरवीर कहलाते थे सबकी शक्ति को शंकर के धनुष ने पानी-पानी कर दिया। ''सकई उठाई सरासुर मेरू'' सोई हिय हार गयऊ करि फेरू'' कौतुक लागि जेहि शिव सैल उठावा-सोऊ तेहि सभा पराभव पाया'' अर्थात हे राजा दशरथ जिस बाणासुर ने सुमेरू पर्वत को उठा लिया था वह भी धनुष की परिक्रमा कर हृदय में हार मानकर चला गया।
वही जिस लंकापति रावण ने खेल खेल में कैलाश पर्वत को उठाया था वो भी उस सभा में पराभव को प्राप्त हुआ। ''तहा राम रघुवंशमणि सुनो महामहिपाल'' भंजऊ चाप प्रयास बिनु जिमि गज पंकज नाल-यानि वही पर रघुवंशमणि रामचन्द्र जी ने धनुष को बिना प्रयास के ऐसे तोड़ डाला जैसे हाथी कमल की डण्डी को तोड़ डालता है। उपरोक्त रामचरित मानस की कथा का वर्णन इसलिए करना जरूरी समझा क्योंकि भारत को आजाद हुए 71 वर्ष हो चुके है लेकिन यहां पर जो गरीबी का, बेराजगारी, भ्रष्टाचार का, तरह-तरह की बिमारियों का धनुष अपनी जडे़ जमाये वैसे ही पडा था जैसे जनकपुर में भगवान शंकर का धनुष पड़ा था। अनेक प्रयास हुए लेकिन मोदी जी ने ही इन बिमारियों, गरीबी, भूखमरी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार से दो-दो हाथ किये। देश ही नहीं दुनिया में उनके प्रयासों की सराहना हुई है हो रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की महासभा में जब दुनिया के सर्वशक्तिशाली देश के सर्वशक्तिशाली राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने उद्बोधन में भारत तथा भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी की इस बात के लिए तारीफ करते है कि भारत के प्रधानमंत्री ने लाखों गरीबों के जीवन स्तर को गरीबी से उबार दिया है। अमेरिका के राष्ट्रपति कहते है कि भारत में खुला माहौल है। लाखों लोग गरीबी से उबरे है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने सुयक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र को सम्बोधित करते हुए भारत की जमकर तारीफ की। भारत को फ्री सोसायटी बाते हुए कहा कि भारत में खुला माहौल है। ट्रंप ने कहा कि एक अरब से ज्यादा आबादी वाला भारत एक खुला समाज है इसने सफलता पूर्वक लाखों लोगों को गरीबी से बहार निकाला है। उन्होंने लोगों को गरीबी से उबारने में सरकार के प्रयासों की सरहाना की। आजादी के समय 1947 से ही कांग्रेस की सरकारें जो ज्यादातर देश की सत्ता पर काबिज रही और हर चुनाव में गरीबी से उबारने की बाते बढ़-चढ़ कर की गई लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात वाला रहा। नेता अमीर होते गए और देश कछुआ चाल ही चलता रहा। गरीब और गरीब होता गया। देश का धन जो गरीबों पर खर्च होना चाहिए था वह विदेशी बैंको में पहुंचा दिया गया। कालेधन के रूप में स्विस बैंको में लाखों करोड़ रूपया आज भी जमा है। मोदी जी ने 2014 मे जब सत्ता प्राप्त की तो अपनी पहली ही कैबिनेट की बैठक में कालेधन को भारत में लाने के लिए एसआईटी का गठन किया। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार ने बोफोर्स तोप सौदे के दलाल क्वात्रौची के लंदन स्थित बैंक अकाउन्ट को फ्रीज करा दिया था। करोडो रूपया जमा था लंदन के बैक में जो भारत वापस आना था लेकिन अटल जी की सरकार दोबारा केन्द्र में नही बन सकी यूपीए की सरकार बनी। कांग्रेस के प्रधानमंत्री नेता मनमोहन सिंह ने देश में सर्वप्रथम पहला कार्य जो किया वह देश को शर्मशार करने वाला था।
श्रीमती सोनिया गांधी की कठपुतली बन सीबीआई को आदेश दिया कि वह लंदन के फ्रीज बैंक अकाउंट से रोक हटाए। वही हुआ भी इटली का रहने वाल राजीव गांधी परिवार के खासमखास रहे क्वात्रौची को क्लीन चिट दे दी गई। देश का पैसा वह डकार गया। इसी प्रकार के भ्रष्टाचार के अम्बार लग गए। देश आकंठ भ्रष्टाचार की मार से कराह ऊठा । समाजसेवी अन्ना हजारे ने देश की राजधानी नई दिल्ली में इसके खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन किया। यूपीए की दस वर्ष की सरकार देश को भ्रष्टाचार का दंश दे गई। मोदी जी की सत्ता आई। देश में लोगो का भरोसा बढ़ा मोदी जी ने कालेधन को समाप्त करने के लिए देश में नोट बंदी की घोषणा कर दी। आंतकवाद, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार का धनुष भंग कर दिया। आज देश के पिछले साढे वर्ष के कार्यकाल में काश्मीर छोडकर कहीं भी आंतकवादी वारदात नही हो सकी। भारत सरकार ने न केवल आंतकवाद के दांत देश में खट्टे किये बल्कि गुलाम काश्मीर ''पीओके'' में भी सफल सर्जिकल स्ट्राईक कर आंतकवादियों के कई कैम्पो को नेस्तानाबूत कर मौत के घाट उतारा। अमेरिका ब्रिटेन, फ्रांस, इजराइल, जापान, आस्ट्रेलिया, रूस, चीन जैसे विकसित देश मोदी जी की उनकी कार्यशैली की तारीफ करते है। लगभग सारा विश्व नरेन्द्र भाई मोदी की नीतियों की सरहाना करते हुए कहते है कि आने वाली सदी भारत की होगी। भ्रष्टाचार, गरीबी, आंतकवाद, तुष्टिकरण की राजनीति को देश से हटाने में मोदी जी कामयाब दिख रहे है।