क्या बगैर न्यायिक प्रक्रिया के किसी व्यक्ति को फांसी पर लटकाया जा सकता है ? बिल्कुल नही । फिर बीजेपी वाले कन्हैया के आरोपियों को फांसी पर लटकाने के लिए धरना क्यो दे रही है ? केंद्र की मोदी और राज्यो की बीजेपी सरकारों को भी चाहिए कि हत्या के सभी आरोपियों को अविलम्ब फांसी पर लटकाए ।
निश्चय ही कन्हैया की निर्मम तरीके से हत्या की गई है । लेकिन हत्यारों को सजा दिलवाने के लिए न्यायिक प्रक्रिया का पालन करना होगा । अगर ऐसा नही है तो देश मे अदालतों का औचित्य क्या है, यह उन लोगों को स्पस्ट करना चाहिए जो आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे है । ऐसी ही हत्या बीजेपी के राज में होती तो क्या आरोपियों को सीधे फांसी पर लटका दिया जाता ?
निश्चय ही इस दर्दनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है । राज्य सरकार की ओर से त्वरित कार्रवाई की गई । अब तो केंद्र के अधीन एनआईए द्वारा केस हाथ मे ले लिया गया है । ऐसे में आंदोलन का औचित्य ? हां, राज्य सरकार को उदयपुर के तत्कालीन आईजी हिंगलाजदान को अविलम्ब बर्खास्त करना चाहिए । क्योंकि कानून और व्यवस्था पर नियंत्रण के बजाय ये उगाही में ज्यादा व्यस्त रहे । गोपालगढ़ गोलीकांड के भी ये हीरो रह चुके है । इसके अलावा उदयपुर पुलिस में अभी बहुत बड़े बदलाव की आवश्यकता है क्योंकि पूरा महकमा सड़ांध मारने लगा है