अफगानिस्तान: तालिबान को पंजशीर घाटी के अहमद मसूद के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है..
मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अपदस्थ उपाध्यक्ष अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व में पूर्व अफगान सरकार की सेना- पंजशीर घाटी में प्रतिरोध की तैयारी कर रही है
रायटर्स, अफगानिस्तान : तालिबान लड़ाके अब पंजशीर घाटी की ओर बढ़ रहे हैं, जिस पर कभी तालिबान का नियंत्रण नहीं रहा और प्रतिरोध का केंद्र बन गया। अफगानिस्तान पर पूर्ण अधिकार करने के बाद भी पंजशीर में प्रतिरोध की झिलमिलाहट उभरने लगी। मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अपदस्थ उपाध्यक्ष अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व में पूर्व अफगान सरकार की सेना- पंजशीर घाटी में प्रतिरोध की तैयारी कर रही है, रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मसूद के ग्रुप नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट के 9000 सदस्य हैं। 90 के दशक में तालिबान पंजशीर को नियंत्रित नहीं कर सका।
अफगान राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए विभिन्न शहरों में तालिबान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं। पंजशीर घाटी में उत्तरी गठबंधन का झंडा फहराया गया। तस्वीर को ट्विटर पर शेयर किया जा रहा है।
पंजशीर घाटी में जमा हैं तालिबान विरोधी
वाशिंगटन पोस्ट के संपादकीय में पूर्व मुजाहिदीन कमांडर के 32 वर्षीय बेटे अहमद मसूद ने कहा, अफगान सेना के कुछ विशिष्ट विशेष बल इकाइयों सहित कुछ ने उसके कारण रैली की। मसूद ने तालिबान के खिलाफ पश्चिम से मदद की अपील की। उसने कहा है कि हमारे पास गोला-बारूद और हथियारों के भंडार हैं, जो मेरे पिता के समय से धैर्यपूर्वक एकत्र किया गया, क्योंकि हम जानते थे कि यह दिन कभी भी आ सकता है। उन्होंने संपादकीय में कहा कि उनके साथ शामिल होने वाले कुछ बल अपने हथियार लाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर तालिबान के सरदार हमला करते हैं, तो उन्हें निश्चित रूप से हमारे कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ेगा।
अफगानिस्तान से आ रही रिपोर्टों में कहा गया है कि तालिबान का विरोध करने वाले स्थानीय कबायली नेता मसूद के राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा से संपर्क कर रहे हैं। एक अमेरिकी अखबार में छपे एक लेख के जरिए अहमद मसूद ने तालिबान का विरोध करने वाले लोगों को खाना खिलाने और सुरक्षा के लिए घाटी में पहुंचने की अपील की है। लेकिन लड़ाकू विमानों और हथियारों की कमी को देखते हुए यह प्रतिरोध कब तक चलेगा यह इस बात पर निर्भर करेगा कि मसूद को दूसरे देशों से क्या मदद मिलती है!