पोलैंड में फटा दूसरे विश्व युद्ध का 5 हजार किलो का 'भूकंप बम', समुद्र में आई 'सूनामी'

डिफ्यूज करने से पहले एहतियात के तौर पर पूरा इलाका खाली करा लिया गया था.

Update: 2020-10-14 06:28 GMT

वारसॉ: पोलैंड (Poland) में दूसरे विश्व युद्ध (World War II) के समय गिराया गया सबसे बड़ा बम डिफ्यूज करते समय फट गया है. अच्छी बात यह है कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है. इस बम को 'Earthquake' के नाम से भी जाना जाता है. पोलैंड की नौसेना के गोताखोर मंगलवार को पानी के अंदर बम डिफ्यूज करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इससे पहले कि वह अपने मिशन में कामयाब हो पाते बम फट गया. गनीमत रही कि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ. 

ब्रिटिश एयर फोर्स ने गिराया था

ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) द्वारा इस्तेमाल किया गया टॉलबॉय बम स्वाइनजॉस्की (Swinoujscie) शहर के बाहर पाइस्ट नहर (Piast Canal) के करीब मिला था. बम डिफ्यूज करने से पहले एहतियात के तौर पर पूरा इलाका खाली करा लिया गया था. 750 से अधिक लोगों को यहां से किसी दूसरे स्थान पर ले जाया गया था. मालूम हो कि Swinoujscie एक जमाने में जर्मनी का हिस्सा हुआ करता था.



दूर तक महसूस किये झटके

धमाका इतना जोरदार था कि स्वाइनजॉस्की के कुछ हिस्सों में झटके महसूस किये गए. बम का वजन लगभग 5,400 किलोग्राम था और इसमें 2,400 किलोग्राम विस्फोटक भरा हुआ था. पोलैंड की नौसेना ने दूसरे युद्ध के सबसे बड़े बम को निष्क्रिय करने के लिए रिमोट-नियंत्रित डिवाइस का इस्तेमाल किया. यह एक ऐसी तकनीक है जिसमें विस्फोट के बिना बम को डिफ्यूज किया जा सकता है. हालांकि, इस तकनीक ने इस बार कम नहीं किया.

अब कोई खतरा नहीं

8वीं कोस्टल डिफेंस फोटोटिला के प्रवक्ता सेकेंड-लेफ्टिनेंट ग्रेजागोरज लेवांडोव्स्की (Second-Lieutenant Grzegorz Lewandowski) ने कहा कि निष्क्रिय करने की प्रक्रिया के दौरान बम में विस्फोट हो गया. अब वह पूरी तरह से निष्क्रिय हो गया है और भविष्य में उससे किसी तरह खतरा नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि जिस समय यह हादसा हुआ सभी माइन डाइवर खतरे वाले क्षेत्र से बाहर थे.

पिछले साल मिला था

ब्रिटिश एयरोनॉटिकल इंजीनियर बार्न्स वॉलेस (Barnes Wallace) द्वारा डिजाइन की गई इस 19 फीट, 12,000LB वाली डिवाइस को 'टॉलबॉय' और 'Earthquake' बम जैसे नामों से भी पहचाना जाता है. गौरतलब है कि यह बम पिछले साल सितंबर में पानी के नीचे उस वक्त मिला था जब जलमार्ग को गहरा करने का काम चल रहा था. इस बम को ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स ने 1945 में में जर्मन क्रूजर लुत्ज़ो पर हमले के दौरान गिराया था.

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