WHO की बढ़ती मुश्किलें, ब्राजील ने भी दी संबंध तोड़ने की धमकी, लगाए ये आरोप!

ब्राजील ने डब्ल्यूएचओ पर पक्षपात और राजनीति करने का आरोप लगाया है.

Update: 2020-06-08 03:49 GMT

कोरोना वायरस को लेकर चीन और WHO के खिलाफ अब अमेरिका के बाद दूसरे देशों का भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अमेरिका के बाद ब्राजील ने WHO से संबंध तोड़ने की धमकी दी है. ब्राजील ने डब्ल्यूएचओ पर पक्षपात और राजनीति करने का आरोप लगाया है.

ब्राजील ने WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन छोड़ने की धमकी दी है. ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने आरोप लगाया है कि WHO निष्पक्ष नहीं है. जैसे ही अमेरिका ने उसे पैसा देना बंद किया वो अपने सारे वादों से पलट गया.

इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने मई के आखिर में कहा था कि अमेरिका डब्लूएचओ से संबंध तोड़ देगा. ट्रंप ने आरोप लगाया था कि उसने महामारी को लेकर चीन पर ज़रूरत से ज्यादा भरोसा किया.

अमेरिका जहां WHO को सबसे ज्यादा पैसा दे रहा था, वहीं ब्राजील ने 2019 में ही पैसा देना बंद कर दिया था. ब्राजील के एक अखबार के मुताबिक WHO का ब्राजील पर 33 मिलियन डॉलर बकाया है.

ब्राजील कोरोना की महामारी से दुनिया के सबसे ज्यादा त्रस्त देशों में से एक है. ब्राजील में 6 लाख 46 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं जबकि 35 हजार से ज्यादा लोग अब तक वायरस से दम तोड़ चुके हैं.

अभी इसकी जांच चल रही है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई है लेकिन अमेरिका का मिसौरी पहला राज्य बन गया जहां चीन के खिलाफ मकुदमा दर्ज कराया गया है. आरोप है कि चीन ने कोरोना वायरस को लेकर सूचना दबाई. जिन लोगों ने इसका भंडाफोड़ किया उन्हें गिरफ्तार किया गया.

कोरोना वायरस की उत्पति कहां से हुई इसकी निष्पक्ष जांच का ड्राफ्ट प्रस्ताव 73वीं वर्ल्ड हेल्थ एसेंबली में पेश किया गया. प्रस्ताव को पेश करने वालों में भारत समेत 100 से ज्यादा देश शामिल हैं. ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, सऊदी अरब, अफ्रीकी समूह और यूरोपीय संघ भी जानना चाहता है कि वायरस कहां से और कैसे फैला?

प्रस्ताव में किसी देश को आरोपी नहीं बनाया गया है लेकिन जिनपिंग ने चीन का बचाव करते हुए कहा कि हमने WHO और अन्य देशों को समय पर सबकुछ बता दिया था. इसके बावजूद चीन किसी भी जांच का समर्थन करता है.

 

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