कोरोना वायरस पर तनाव के बीच अमेरिका ने दिया चीन को बड़ा झटका
अमेरिका की ओर से बार-बार ये भी कहा गया है कि हो सकता है वुहान स्थित लैब से कोरोना वायरस फैला.
कोरोना वायरस को लेकर जारी आरोप-प्रत्यारोप और बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने चीन को झटका दिया है. अमेरिका ने चीन की 33 कंपनियों और अन्य संस्थानों को इकोनॉमिक ब्लैकलिस्ट में डालने का फैसला किया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर 33 चीनी कंपनियों और अन्य संस्थानों को ब्लैकलिस्ट में डाला जा रहा है.
अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, चीन में वीगर मुस्लिमों के हाई टेक सर्विलांस, जबरन काम कराने और मनमाने तरीके से लोगों को हिरासत में रखने और मानवाधिकार के उल्लंघन में भागीदार होने की वजह से 9 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं.
अमेरिकी सरकार ने कहा है कि 7 व्यापारिक संस्थान चीन को हाईटेक सर्विलांस लागू करने में मदद कर रहे हैं. वहीं, चीन की 24 सरकारी और व्यापारिक संस्थाओं को इसलिए ब्लैकलिस्ट किया जा रहा है क्योंकि उन्होंने चीनी मिलिट्री के मास डिस्ट्रक्शन से जुड़े हथियार हासिल करने और अन्य एक्टिविटी में मदद की.
बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं. अमेरिका का कहना है कि चीन ने कोरोना वायरस को लेकर जानकारी छिपाई और इसकी वजह से दुनिया में कोरोना महामारी फैली.
अमेरिका की ओर से बार-बार ये भी कहा गया है कि हो सकता है वुहान स्थित लैब से कोरोना वायरस फैला. इस मसले पर जांच की बात भी कही गई थी. हालांकि, चीन ऐसे आरोपों को खारिज करता आया है.
अब तक दुनिया में कोरोना वायरस के 52 लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, सिर्फ अमेरिका में 16 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. अमेरिका में कोरोना से 96 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.