अमेरिका ने भारत की बड़ी कंपनी पर लगाया प्रतिबंध, जानें- क्या है वजह?

अमेरिका ने ईरानी बिचौलियों और यूएई, हांगकांग और भारत की कई प्रमुख कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं

Update: 2022-10-01 04:55 GMT

अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (OFAC) ने लाखों डॉलर के ईरानी पेट्रोकैमिकल और पेट्रोलियम प्रोडक्ट बेचने के आरोप में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के एक समूह पर प्रतिबंध लगा दिया है. इनमें भारतीय कंपनी भी शामिल है. ये समूह दक्षिण और पूर्व एशिया में इन उत्पादों की बिक्री कर रहा था.

शुक्रवार को उठाए गए इस कदम में ईरानी बिचौलियों और यूएई, हांगकांग और भारत की कई प्रमुख कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं जो ईरानी पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की शिपिंग और आर्थिक लेने-देन में मदद कर रही थीं.

इनके अलावा चीन की दो कंपनियों पर भी ईरानी पेट्रोकेमिकल व्यापार में शामिल होने के चलते प्रतिबंध लगाया गया है. ओएफ़एसी के एक अधिकारी ब्रायन ई नेल्सन ने कहा कि ''अमेरिका ईरान के गैरक़ानूनी तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री को गंभीरता से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है.''

उन्होंने कहा, ''जब तक ईरान संयुक्त व्यापक कार्ययोजना को पूरी तरह लागू करने के पारस्परिक प्रयासों से इनकार करता रहेगा, अमेरिका ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री पर अपने प्रतिबंधों को लागू रखेगा.''

भारत ने बंद किया था आयात

ट्रिलियंस पेट्रोकेमिकल कंपनी लिमिटेड नेटवर्क हांगकांग की वो कंपनी है जो ईरानी पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बिक्री के लिए बिचौलिए का काम करती है. कंपनी ने ईरान केमिकल इंडस्ट्रीज़ इनवेस्टमेंट कंपनी और मिडिल ईस्ट कीमिया पार्स कंपनी से प्रोडक्ट खरीदे जो आखिर में भारत भेजे गए.

भारतीय कंपनी टीबालाजी पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड ने लाखों डॉलर के ईरानी उत्पाद खरीदे जिन्हें बाद में चीन भेजा गया. अमेरिका ने टीबालाजी पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड पर प्रतिबंध लगाए हैं.

मई 2019 तक ईरान भारत का सबसे बड़ा एनर्जी सप्लायर था. अमेरिकी प्रतिबंधों के डर से भारत ने ईरान से कच्चा तेल और बाकी चीज़ें आयात करना बंद कर दिया था. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शुक्रवार को कहा कि ''ईरानी उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध से बचने के प्रयास करने वालों पर अमेरिका कार्रवाई कर रहा है और आगे भी करेगा.''

साभार : BBC

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