अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद कोई महिला सड़क पर नजर नहीं आ रही ..
अब हालात यह हो गए हैं कि अफगानिस्तान में या तो महिलाओं ने निकलना बंद कर दिया है
पीटीआई, काबुल : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे होने के बाद कोई भी महिला सड़क पर नजर नहीं आ रही है कल जैसे महिलाएं हवाई जहाज के लिए एयरपोर्ट पर पहुंची थी तो कुछ बच्चे भी उनके साथ थे जहां उन्होंने अपने बच्चों को रेजर के तौर पर फेंक दिया था हालांकि कर्मचारियों ने महिलाओं को ऐसा करने के लिए मना किया ,लेकिन हताश महिलाएं आजकल इस तरह के काम को अंजाम दे रहे हैं। अब हालात यह हो गए हैं कि अफगानिस्तान में या तो महिलाओं ने निकलना बंद कर दिया है या फिर कट्टरपंथियों की वेशभूषा अनुसार बुर्का पहनकर निकल रही हैं।
कई महिलाएं आमतौर पर मध्य पूर्व और अरब देशों में पहने जाने वाले लंबे काले कपड़े पहनती हैं। सभी महिलाओं के साथ एक पुरुष अभिभावक होता है - एक जरूरत जो तालिबान ने देशभर में महिलाओं पर लागू की है। इनमें से कई महिलाएं किराना सामान की खरीदारी करती दिखती थीं, मगर यह आसान सा काम अब उनके लिए बेहद खतरनाक हो गया है। यह विश्वास करना कठिन है कि कुछ ही दिनों पहले काबुल की सड़कों पर महिलाओं को अपना व्यवसाय चलाने के लिए जाते हुए देखा जाता था। अब वे सुरक्षा जोखिम का अतिक्रमण करने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है।
अब महिलाएं डर से भरे हुए रहती हैं। उनकी आंखें लगातार जीवंत सड़कों पर गश्त कर रहे तालिबान लड़ाकों से किसी भी संभावित आक्रमण की ओर इशारा करती हैं। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से सभी शैक्षणिक केंद्र, स्कूल, विश्वविद्यालय, सरकारी भवन और निजी कार्यालय बंद कर दिए गए हैं। शहर की सड़कों पर कोई कानून या सुरक्षा अधिकारी नहीं है। कोई पुलिस या यातायात अधिकारी नहीं दिखता।
काबुल के एक निवासी का कहना है कि उसने तालिबान को सड़क के बीच में तेज गति से यातायात के खिलाफ पुलिस की गाड़ी चलाते देखा। पोल ई सोरख, अफगानिस्तान की युवा और शिक्षित पीढ़ी के सांस्कृतिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध क्षेत्र अब जीवंत नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ उदास दिखने वाले पुरुषों को छोड़कर सड़कें और फुटपाथ खाली हैं।