चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पहले उसकी वजह से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैला. जब उसके यहां स्थितियां सुधरीं तो उसने पूरी दुनिया को परेशान करना शुरू कर दिया. सबसे ज्यादा दिक्कत पड़ोसी देशों को हैं. भारत, दक्षिण कोरिया, जापान, इंडोनेशिया, थाईलैंड आदि. अब भारत से थोड़ा दूर समुद्र में एक आइलैंड बना रहा है.
चीन अब भारत से 684 किलोमीटर दूर मालदीव के पास एक कृत्रिम द्वीप यानी आर्टिफिशियल आइलैंड बना रहा है. इससे भारत समेत कई देशों को रणनीतिक तौर पर खतरा हो जाएगा. इसका खुलासा हुआ है सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए. ये तस्वीरें जारी की हैं ओपन सोर्स इंटेलीजेंस एनालिस्ट डेट्रेस्फा ने.
दुनियाभर में हथियारों की खरीद-बिक्री पर नजर रखने वाली इंटरनेशनल एजेंसी CIPRI के परमाणु सूचना कार्यक्रम मे डायरेक्टर हेंस क्रिस्टेंसन ने ट्वीट कर कहा कि मालदीव के फेदूफिनोल्हू द्वीप को मालदीव की सरकार ने चीन को 4 मिलियन डॉलर यानी 30.33 करोड़ रुपए में लीज पर दिया था.
हेंस लिखते हैं कि अब चीन ने इस द्वीप को और बढ़ा लिया है. इसपर सड़कें, इमारतें आदि बनती हुई दिख रही हैं. यह भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है. चीन ने हिंद महासागर में कई देशों को कर्ज देकर अपने जाल में फंसा रखा है.
आपको बता दें कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने 2016 में चीनी कंपनियों को 16 द्वीप लीज पर दिए थे. इन पर चीन बड़े पैमाने पर निर्माण कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट्स की मानें तो इसके जरिए चीन भारत को सामरिक तौर पर घेरने की कोशिश कर रहा है.
हिंद महासागर में मालदीव ऐसी जगह पर स्थित है जिससे कई अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक मार्ग गुजरते हैं. चीन को यहां अपना फायदा दिखाई दिया. इसीलिए वह मालदीव की मदद करके अपना रास्ता तैयार कर रहा है.
चीन मालदीव के जरिए भारत पर निगरानी कर रहा है. मालदीव से भारत पहुंचने में चीन के फाइटर जेट्स को 20-25 मिनट ही लगेगा. अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल के दौरान भारत और मालदीव के बीच तनाव बढ़ गया था. वहां पर हालात ऐसे हो गए थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मालदीव यात्रा रद्द कर दी थी.