तालिबान ने पाकिस्तान को बताया अपना दूसरा घर..
जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पड़ोसी देश ने कभी भी उनके मामलों में "हस्तक्षेप" नहीं किया है।
इस्लामाबाद: अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा कराने के लिए पाकिस्तान की जितनी बड़ी भूमिका है वो जगजाहिर है। अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद भी पाकिस्तान ने तालिबान की निंदा नहीं की है। इससे जाहिर होता है कि तालिबान और पाकिस्तान के संबंध कैसे हैं ? पाकिस्तान चैनल को जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा है कि, हम पाकिस्तान से व्यापारिक और रणनीतिक संबंध बनाना चाहते हैं।
जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान को अपना करीबी बताते हुए भविष्य में संबंध जोड़ने की बात कही है।जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान के साथ एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि, "अफगानिस्तान पाकिस्तान के साथ अपनी सीमा साझा करता है। जब मजहब की बात आती है तो हम परंपरागत रूप से एकसाथ होते हैं, दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के साथ मिलते हैं। इसलिए हम पाकिस्तान के साथ संबंधों को और गहरा करने की उम्मीद कर रहे हैं।"
तालिबान के एक प्रवक्ता से जब कब्जा कराने के बारे में पाकिस्तान के संदर्भ के बारे में पूछा गया तो तालिबान के प्रवक्ता ने इससे मना कर दिया। जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पड़ोसी देश ने कभी भी उनके मामलों में "हस्तक्षेप" नहीं किया है। अफगानिस्तान में सरकार गठन की अटकलों के बीच तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि वे ऐसी सरकार चाहते हैं जो मजबूत हो और इस्लाम पर आधारित हो और जिसमें सभी अफगान शामिल हों।