दुनिया में इंसानियत के लिए बढ़ रहे हैं खतरे
याद रहे कि जापानी नगर हिरोशिमा पर अमरीका के एटम बम के हमले की 77वीं बरसी के अवसर पर शनिवार को वार्षिक समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में संयुक्त राष्ट्रसंघ के माहसचिव गुटेरस ने भी भाग लिया।
यूएनओ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस का कहना है कि इंसानियत इस समय ऐसी बंदूक से खेल रही है जो कारतूसों से लोड है। एंटोनियो गुटेरस कहते हैं कि यह इसलिए है क्योंकि पूरी दुनिया में परमाणु संकट के अधिक फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने कहा कि यूक्रेन संकट, मध्यपूर्व की स्थति और कोरिया प्रायद्वीप के हालात से पूरे विश्व मे परमाणु संकट का जोखिम बढ़ता जा रहा है।
हिरोशिमा पर अमरीकी परमाणु बम के हमले की 77वीं बरसी पर गुटेरस ने कहा कि हिरोशिमा में पलक झपकते ही हज़ारों लोग काल के गाल में समा गए। उन्होंने कहा कि वे लोग जो इस हमले से बच गए उनको कैंसर तथा अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। राष्ट्रसंघ के महासचिव गुटेरस का कहना था कि हिरोशिमा पर अमरीकी एटम बम के हमले से हमने क्या सीखा? उन्होंने विश्व के नेताओं से मांग की है कि अपने शस्त्रागारों से वे परमाणु हथियारों को निकाल दें।
याद रहे कि जापानी नगर हिरोशिमा पर अमरीका के एटम बम के हमले की 77वीं बरसी के अवसर पर शनिवार को वार्षिक समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में संयुक्त राष्ट्रसंघ के माहसचिव गुटेरस ने भी भाग लिया। उल्लेखनीय है कि 6 अगस्त सन 1945 को अमरीकी बम वर्षक विमान ने जापान के हिरोशिमा नगर पर एटम बम गिराया था। एक अनुमान के हिसाब से हिरोशिमा पर परमाणु बमबार में लगभग एक लाख चालीस हज़ार लोग मारे गए। बहुत से लोग तो हमले के बाद मर गए जबकि एसे भी बहुत से लोग थे जो अमरीका द्वारा किये गए एटम बम के हमले के बाद इससे फैले विकिरण के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों में ग्रस्त होकर मारे गए।
विशेष बात यह है कि मानवाधिकारों के समर्थन का दावा करने वाले अमरीका ने हिरोशिमा पर परमाणु बम मारने के तीन दिनों के बाद जापान के एक अन्य नगर नागासाकी पर एक अन्य एटम बम गिराया था जिसके परिणाम स्वरूप लगभग 74 हज़ार लोगों की जान चली गई थी।